Hanuman Chalisa
Tune into Devotional Melodies
Contemporary Devotional Music: A Harmony of Praise and Devotion
म्हारा संत दवारे आया रे भाई जोड़या दोनो हाथ
म्हारा संत दवारे आया रे भाई जोड़या दोनो हाथजोड़या दोनो हाथ साधु भाई करु ज्ञान की बातसतगुरु आया शब्द सुनाया निर्मल हो गया
अरज म्हारी सुणता जाजो जी
अरज म्हारी सुणता जाजो जीभीमाजी रा लाल मेहर तुम करता रहेजो जीग्वाल बाल सब ठाड़ा रहे और नवी नवी कर परणाममाता गौर का लाडीला
थारो दूध छे केवल ब्रम्ह संजोणी हरी की कामधेनु हो
थारो दूध छे केवल ब्रम्ह , संजोणी हरी की कामधेनु होकामधेनु तो आकाश रहती , ह्रदय चारो चरतीतिरवेणी को पाणी पीती , भाई रे उन
सगला निमाड़ म रे गूंज जिनको नाम छे
खरगोन जिला म देखो प्यारो शिरडी धाम छेम्हारा मोती वाला बाबा को वहा प मुकाम छेसगला निमाड़ म रे गूंज जिनको नाम छेदेव म्हारो
सिंगाजी न लियो अवतार अमर आसी करणी
सिंगाजी न लियो अवतार अमर आसी करणी , अमर आसी करणीजेख रेवा खिलाव गोद सदा सुख करणीलियो जनम खजुरी धामधन्य धन्य आसी धरणी धन्य
सोहम बाला हलरों नित निर्मलो
सोहम बाला हलरों नित निर्मलो , निर्मल थारी ज्योतनदी सूक्ता के घाट पे , बैठयो ध्यान लगायआवत देखयों पिंजरो , लियो गोद उठायस
मन लाग्यो राम फकीरी म
मन लाग्यो राम फकीरी म ,आसो काई धरयो दुनिया दारी म ,जो सुख पाऊ राम भजन म ,वो सुख नाही अमीरी म,भली बुरी सबकी सुण लिजों ,मन
धन धन सिंगाजी सुरमा
धन धन सिंगाजी सुरमाजिन्न चवर बुहारया गुरू खेत होकलांका सी बाँध्या झूलनाअपना साहेब जी से हेत होसत सुकरत दया धर्म काजिन्न
मैया अमरकंट वाली तुम हो मा भोली भाली
मैया अमरकंट वाली तुम हो मा भोली भाली तेरे गुण गाते है साधु मा बजा बजा के तालीभूरे मगर पर कीन्ही सवारी हाथ कमल का फूल सबक
नावड्या रे नाव म्हारी रे संभाल
नावड्या रे नाव म्हारी रे संभालनई तो भवसागर म डूबी जायगभवसागर में डोल रही नैयातुम बिना म्हारो कोण छे खिवैयानावड्या रे नही
शबद री लागे सो नर जाणे
शबद री लागे सो नर जाणेकी दूजा काई जाणे भाईराम ने लागी लखन ने लागीलागी सीता माईहनुमान ने ऐसी लागीलंका दीनी जलाई की दूजा क
पंच तत्व की काया एको ध्यान राखजो
पंच तत्व की काया एको ध्यान राखजोएम लगी जाय एको ज्ञान राखजोधन दौलत अरु माल खजीनाछूटी जायग भाई सब एक दिनझुटी माया को मत अभ
चेत रे दीवाना थारो अवसर जाय माया ठगोरी तूख ठगी ठगी खाय
चेत रे दीवाना थारो अवसर जायमाया ठगोरी तूख ठगी ठगी खायसावधान शब्द को तुन भेद नहीं पायोहरि भजन को तुन अवसर गमायोझुटी काया
अहो मेरे सिर पर सिंगा जबरा
अहो मेरे सिर पर सिंगा जबरामेरे सिर पर सिंगा जबरागुरू मैं सदा करत हु मुजरामेरे सिर पर सिंगा जबराअंतः करण की तुम ही जाणोंअ
कलजुग म रे तारणहार देव म्हारो भिलट रहयो गाजी रे
कलजुग म रे तारणहारदेव म्हारो भिलट रहयो गाजी रेसच्चा मन सी जेन सुमरयोपल म ओकी फेरी दी बाजीमाता मैदा की आँख को तारोराजा रे
कर भजन हर श्वास रे मन तू
कर भजन हर श्वास रे मन तू , कर भजन हर श्वास रेहो थारो जीवन बणग बड़ो खास रे , मन तू कर भजन हर श्वास रेलख चौरासी का फेरा जो
मोको लाग्यो रे सतसंगी थारो भाग जाग्यो रे
मोको लाग्यो रे सतसंगी ,थारो भाग जाग्यो रे मौको लाग्यों रे गली गली हरी चर्चा होवे ,जाणो सतगुरु आयो रे ,भारत भूमि अमरत बर
झिलमिल ज्योत झलक रया मोती आरती
झिलमिल ज्योत झलक रया मोतीपारी ब्रम्ह निरंजन आरतीकाहे करू दिवलो न काहे करू बातीआसी कायन ज्योत जले हो दिनरातीपारिब्रम्ह नि
बहुत ही निहाल कियो गुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियो
बहुत ही निहाल कियोगुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियोम्हारो अंतस उज्वल कियोगुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियोजनम जनम का प्राश्चित
सदा तुम आनंदे मूर्ति आरती
सदा तुम आनंदे मूर्तिहो सदा तुम आनंदे मूर्तिसत्य धर्म परमाणअनुभव की आरतीजय देव जय गुरुदेवकाया कंचन थालजिसमे पांच पच्चीस ब
सखी म्हारो कुण हुयो जो अपराध
सखी म्हारो कुण हुयो जो अपराधघर आया साजन रूठी गया होसखी मन दिवला सी दीवलोकभी नही बाल्यो होहो आसा नही पोयच्याकवला सी हाथघर
ये मकान सुना सुना लागे राम के बिना
ये मकान सुना सुना लागे राम के बिनाराम के बिना हनुमान के बिनाये मकान सुना सुना लागे राम के बिनागुरु बिना है चेला सुनाचेला
माया का लोभी मत कर अभिमान
माया का लोभी मत कर अभिमानमिल्यो अवसर तुख भज हरी नामया माया रे जसी तरुवर की छायाया माया को पार नी पायाकभी लग छाव भैया कभी
जल्दी करील बजार उठी जायगा जीवन की रेल छूटी जायगा
जल्दी करील बजार उठी जायगाजीवन की रेल छूटी जायगायमपुरी को टिकट कटी जायगाजीवन की रेल छूटी जायगाम्हारो हरी नाम को बाबु हरी
आँचल तो आँचल ही है
आँचल तो आँचल ही है नारी सिर का सृंगारजो भी इसे सम्हाल के रक्खे वो है पतिव्रता नारसुनता हूं सुनो कहता जिसे संसार आँचल हैप
कसम रब दी मै मर जांवा
कसम रब दी मै मर जांवा तेरे दिदार तो बीना ,हो मेरे दिल दा कमरा सुना है मेरे प्यार तो बीना हो,कसम रब दी मै मर जांवा तेरे द
मैं तो अमर चुनड़ी ओढ़ूँ
मीरा जनमी मेड़ते, वा परणाई चित्तोड़,राम भजन प्रताप सूं सकल श्रृष्टि शिर मोड़,जगत में सारा जाणी आगे भई अनेक,कई बायां कई र
बीरा बेगा आईज्यो जी
बीरा बेगा आईज्यो जी,राम दे बेगा आईज्यो जी,थारी सुगणा जोवे बाट,रामदेव बेगा आईज्यो जी,अळगी म्हाने परणाई,ना लीनी सार संभाल।
मैया के मन की ये रानी
मैया के मन की ये रानी,बाबा का आँगन छोड़ चली।भैया जी सर पे चढ़ावेबलईया लेती भाभियाँ भी...नानी गाये दादी झुमे नाचे,दुवा मे
जीवन यूँ ही बीत न जाए
जीवन यूँ ही बीत न जाए जग में पशु भी खा के सोते स्वार्थ पूर्ति में स-कुशल होते वो मानव क्या भोग सुखों में जीवन व्यर्थ गवा