
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
तेरा मेरा है क्या रिश्ता ओ माँ ..तेरा मेरा क्या रिश्ता ...पर जितना किया ..तूने जितना किया ...माँ कोई नहीं करता ...तेरा म
माँ तेरी तस्वीर सिरहाने रखकर सोते हैं,यही सोच कर अपने दोनों नैन भिगोते हैं ।कभी तो तस्वीर से निकलोगी, कभी तो मेरी मईया प
शेरावाली की जय , दुर्गाकाली की जय |माता वैष्णव रानी की जय जय आय |1. सती : अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली2. साध्वी :
झुंझनू में मोटी सेठानी, डोकवा में लाडो नारायणीतनधन बाबा ने जहाँ दिया बलिदान , रानी सती के सत का है जो प्रमाणदेवसर धाम
कहानी वैष्णो रानी की ...कहानी वैष्णो रानी की ...कहानी वैष्णो रानी की ...कहानी वैष्णो रानी की ...तीन पिंडी माँ शेरावाली ,
त्रेता में पधारे श्री राम जी, और द्वापर में आएं घनश्याम जी ।इस कलियुग में भगतों के खातिर झुंझुनूं में विराजे गंगाराम जी
गंगाराम देवाय नमः ।। गंगाराम देवाय नमः ।।गंगाराम देवाय नमः ।। गंगाराम देवाय नमः ।।हे कलिमलहारी ! विष्णु अवतारी !बाबा तेर
आओ दादी भगतों मिलकर साथ चलें ,नारायणी चरित महामंगल पाठ करें ।अम्बिकापुर में मंदिर बना निराला है ,दर्शन जो करले वो किस्मत
उत्कल की पावन धरती पर इक धाम बड़ा मशहूरराणी सती दादी जी का मंदिर बिरमित्रापुरउत्कल की पावन धरती पर इक धाम बड़ा मशहूर ॥दि
तू कितनी सुन्दर है, तू कितनी प्यारी है,नहीं कोई तुझ जैसा, तू जग से न्यारी है,तू ममतामयी मईया, तू करुणावाली है, तू भोली-भ
त्रिशूल रूप धारिणीम , झुंझुनू निवासिनीम ,महासती नारायणीम , नमामि सत-शिरोमणिम ।रण प्रियाम बिरांग नाम गुर सहाय नन्दिनीम ,स
अब भज राधे राधे राधे ये ही काम आवैंगी - २काम आवैंगी की भव से पार लगावैंगी - २अब भज राधे राधे राधे ये ही काम आवैंगी |श्या
आशीर्वाद दिवस उत्सव हम चले झुंझनू धाम,जहाँ विराजे विष्णु के अवतारी गंगाराम ।गंगाराम अमृतवाणी का करेंगे मिलकर पाठ,पंचदेव
बजरंग बाला जपूँ थारी माला, रामदूत हनुमान ,भरोसो भारी है ...भारी है प्रभु भारी है , महिमा तेरी न्यारी है ,बजरंग बाला जपूँ
झुंझुनू धाम से चली है देखो दादीजी की पालकी ,हो जाओ तैयार भगतों बारी है नेपाल की ।दादी वालों की ये चिट्ठी आई बड़ी कमाल की
बैंकॉक में दादी का झंडा लहराएगा ,राणी सती का जयकारा घर घर गूंजायेगा ।राणी सती दादी के भजनों की होगी बरसात,झुंझुनूवाली मा
मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी ,ये हैं अंसुवन की धार, ना समझ तू पानी ,मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी ।जितने बह
जद जद भी म्हापे आवे मुसीबत बाबा श्याम जी आवे मुसीबत बाबा श्याम जी, आवे कोई संकट बाबा श्याम जी...म्हे दौड़ा दौड़ा आवा हाँ
आन बाण और शान है जो अग्रवाल समाज की ,मिलकर सारे जय बोलो अग्रसेन महाराज की ।मात भगवती देवी और बल्लभसेन के जाये,नागवंश की
तेरा ही सहारा हमें तेरा ही सहारा,पहाड़ी वाली माता हमें तेरा ही सहारा ।कौन जगत में ऐसा जिसे तूने ना उबारा,ओ कुलदेवी धणिया
जय माँ रुद्राणी ब्रम्हाणी की !!भक्तों ! राजस्थान की धरती पर एक ऐसा पावन पुण्य स्थान है , जहां माँ शाकम्भरी \'सौम्य अर्था
सुनकर के मईया के चर्चे हज़ार ,पहुंचा मैं जम्मा के गोरिया दरबार ,देखा नजारा तो चकरा गया , सोचने लगा मैं कहाँ आ गया ,लगी ऐ
होंगे ठाठ निराले तेरे होंगे ठाठ निराले ,तू भी इस नवराते में पहाड़ी माँ का निशान उठा ले ।मनफरा से पैदल चलना, ना घोड़ा ना
एक दो तीन चार, श्याम धणी की जय जयकार ।खाटू की कर लो तैयारी, बुला रहा है लखदातार ।आया बाबा का हेला , है श्याम धणी का मेला
मेरे दिल की पतंग में श्याम, की डोर तू लगाईं देनाकहीं और ना उड़ जाये, इसे खाटू धाम उड़ाई देनासांवरिया तेरा हो जाए,डाल दे
चतुर्भुजा माता तेरा धरे जो दिल से ध्यान ,पूरण हो सब कामना , पूरण हो सब काम |संख-चक्र गदा पदम् लिए बैठी मंदिर माय ,पांच र
आ दरश दिखा दे मेरी माँ तुझे तेरे लाल बुलाते हैं - २तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन - २तुझे तेरे लाल बुलाते हैं....आ दरश दिखा
ढुँढू मैं तुझको क्यूँ भला सांवरा,जर्रे जर्रे में तू बसा ,पल-पल का साथी तू मेरा सांवरा , मेरी ख़ुशी तू बन गया ,जानू ना कब
माँ भंवरावाली के हम आँचल में पले हैं - २हम गोरियावाली जीण माँ के लाडले है - २{ मिला बिछौना पलकों का झूला तेरी बाहों में
ए मईया थारे से अरज लगाईं ,शाकम्भरी ए माई ,बिगड़ी बनादे म्हारी मावड़ी , नईया पार लगादे म्हारी मावड़ी |थारी महिमा शाकम्भरी