Hanuman Chalisa


कहाँ चले भोलेनाथ
नशे में झूम के तुम कहाँ चले भोलेनाथ.....अकेला मैं नहीं मेरे सर पर गंगा साथ,नशे में झूम के तुम कहाँ चले भोलेनाथ....अकेला

नीलकंठ पे खुली है दुकान
नीलकंठ पे खुली है दुकान गौरा रानी क्या लोगी,के गौरा गौरा रानी क्या लोगी हो हो.....पायल तो मैं पहन के आई,बिछुए दिला दो भो

भोले जी के मंदिर मे
भक्तों की भीड़ है अपार भोले जी के मंदिर मे,भोले जी के मंदिर में शंकर जी के मंदिर में,गूंजे जय जयकार भोले जी के मंदिर में

सच्चे मन से उन्हें पुकारो
सच्चे मन से उन्हें पुकारो दौड़े,आएंगे शिवनाथ ।।अपने भक्तों के हित कारण,जहर कंठ में धारा,जहर कंठ में धार जगत को,बड़ी बिपद

बम बम बम बम बोल रहा
बम बम बम बम बोल रहा हूँ, मैं भी बन गया भोला,सावन में भोले के दीवानों का निकला है टोला...अजी बम बम बम बम बोले, कावड़िया म

कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी
कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी,भोले पैदल चले आ रहे है……उनकी जटा में गंगा विराजे,वो बहाते चले आ रहे है,उनके माथे पे चंदा व

तुम अगर द्वार भोले के आते रहो
तुम अगर द्वार भोले के आते रहो,काम जो भी हैं बिगड़े सुधर जाएंगे,बाबा शिव को पुकारा जो मन से कभी,जो खजाने है खाली वो भर जा

चंदा सिर पर है जिनके
चंदा सिर पर है जिनके,कानो में कुण्डल चमके,सर्पो की माल गले में,गंगा है जटा में जिनके,ऐसे तो भोला शंकर है,शंकर को वंदन है

ओ मेरे बाबा भोलेनाथ
ना मांगू मै हीरे मोती,ना मंगू मै सोना चांदी,मांगू तो बस तेरा साथ,ओ मेरे बाबा भोलेनाथ....उगता रहे युही सूरज तेरा,तेरे बिन

गौरा रानी के रसीले नैना
गौरा रानी के रसीले नैना भोले से लड़े,भोले से लड़े भोले बाबा से लड़े…..डम डम डम डमरू बाजे भोले भण्डारी का,गौरा रानी की प्

मंदिर मंदिर में विराजे भोलेनाथ
मंदिर मंदिर में विराजे भोलेनाथ,चढ़ा लो लोटा जल भर के....काहे के गणपति बनाएं,काहे की बनाए भोलेनाथ, चढ़ा लो लोटा जल भरके,म

छोड़ दे ओ भोले बाबा छोड़ दे
छोड़ दे ओ भोले बाबा छोड़ दे,इस भांग नशे ने छोड़ दे....एक दिना में गई थी लक्ष्मी धोरे बैठन को,छिरसागर में विष्णु लेटे लक

भोले बाबा से कह रही पार्वती
भोले हो भोले हो मेरे शंकर कैलाशपति,भोले बाबा से कह रही पार्वती तुम सुनियो जी कैलाशपति,भोले कैसे है भाग्य हमारे कोई घर है

ना झटको शीश से गंगा
ना झटको शीश से गंगा हमारी गौरा भीग जाएगी…..गौरा के माथे पे बिंदिया भोले के माथे पे चंदा,के दोनों का मिलन होगा नजारा हम भ

शिव समाधि में बैठे
शंकराय शिव सदाय दया करोमहादेव शिवाय:शिव पे भस्म चड्ढा है,द्वार नंदी खड़ा है,खाल ओधे भाल चंद्र,तो योग मग बड़ा है।शिव समाध

माँगा है मैंने भोले से वरदान एक ही
माँगा है मैंने भोले से वरदान एक ही,तेरी कृपा बनी रहे जब तक है ज़िंदगी....जिस पर प्रभु का हाथ था,वो पार हो गया,जो भी शरण

सावन में ले भोले का नाम
हर हर शंभू बोलके,करले चारो धाम,सभी शिव भक्तो को,शेखर का प्रणाम,सावन में ले भोले का नाम,सावन में ले भोले का नाम,बनेगे तेर

भोले बाबा कमाल कर बैठे
( एक योगी वो कैलाश का, एक ऊंचे महलो की रानी,अनंत अनूठे प्रेम की, शिव शक्ति की है ये कहानी। )भोले अन्तर्यामी है,गौरा जिनक

इतना दिया भोले मेरी झोली छोटी पड़ गयी
इतना दिया महाकाल ने मुझको,जितनी मेरे औकात नहीं,ये तो करम है मेरे महाकाल का,मुझमे तो कोई बात नहीं....उज्जैन के राजा राजाओ

क्या खता है ये बता दे
भोले ओ भोले,क्या खता है‚ ये बता दे‚ मेरे पांव में है छाले‚ ओ नाथ डमरू वाले,भोले ओ भोले....मेरे भोले तेरे बिन तो अब मैं त

देने वाला तू बैठा है
देने वाला तू बैठा है मौज करेंगे हम बाबा,मौज करेंगे हम बाबा मौज करेंगे हम बाबा…..मान दिया सम्मान दिया अज्ञानी ज्ञान दिया,

चलो चले भोले की नगरीया
जय जय जय शम्भू,जय जय जय शम्भू,चलो चले भोले की नगरीया,चलो चले भोले की नगरीया,कंधे पर कांवरिया सजा कर,भोले को दिल में बसाक

दर पे खड़ी हूँ पतंग बन के
दर पे खड़ी हूँ पतंग बन के, आओ भोले बाबा तुम डोर बन के…….कोई जल लाया बाबा कोई काव्य दूध हो,तुमको नहलाएँगे मल मल के, आओ भो

कावड़ियों का लग गया मेला
बोलिये शंकर भगवान की जय हो...कावड़ियों का लग गया मेला भोले का रंग केसरिया,भोले का रंग केसरिया भोले का रंग केसरिया,हरिद्व

कांवड़िया ले चल गंग की धार
( भस्म रमाए बैठे है शंकर सज धज के दरबार,कावड़िया ले आओ कावड़ राह तके सरकार। )जहा बिराजे भोले दानी करके अनोखा श्रृंगार,का

शिव शंकर मन मुस्काए
भोले बाबा मन मुस्काए भंवरिया मेरी गौरा से पड़े....पहली भामर कैसे पड़ेगी एक पुरुष दो नार,भोले बाबा समझ गए तो गंगा को दिया

गौरा तो जाएगी भोले बाबा के साथ
सुनो हिमाचल अब जिद छोड़ो मान लो मेरी बात,गौरा तो जाएगी भोले बाबा के साथ...बालों का जुड़ा होगा जुड़े में गजरा होगा,माथे प

देख आए गौरा तेरे दूल्हे को हाल
देख आए गौरा तेरे दूल्हे को हाल, तेरा दूल्हा कमाल....काली-काली जटा लटक रही सर पे,बीच में बह रही गंगा की धार, तेरा दूल्हा

भोलेनाथ की दीवानी
आँख तीसरी खोले है,ब्रह्माण्ड ये सारा बोले है, हर हर माला जपते जो, कष्ट हरते मेरे भोले हैं, अजर अमर अविनाशी वो, कृपा सिंध

तेरे दरबार महाकाल
तेरी जोगनिया आई तेरे दरबार महाकाल,तेरे ही नाम की शोहरत मुझे उज्जैन लाई, तेरी जोगनिया आई....तेरी भक्ति से ही शक्ति मिलती
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