Hanuman Chalisa
थारो दूध छे केवल ब्रम्ह संजोणी हरी की कामधेनु हो
थारो दूध छे केवल ब्रम्ह , संजोणी हरी की कामधेनु होकामधेनु तो आकाश रहती , ह्रदय चारो चरतीतिरवेणी को पाणी पीती , भाई रे उन
अरज म्हारी सुणता जाजो जी
अरज म्हारी सुणता जाजो जीभीमाजी रा लाल मेहर तुम करता रहेजो जीग्वाल बाल सब ठाड़ा रहे और नवी नवी कर परणाममाता गौर का लाडीला
म्हारा संत दवारे आया रे भाई जोड़या दोनो हाथ
म्हारा संत दवारे आया रे भाई जोड़या दोनो हाथजोड़या दोनो हाथ साधु भाई करु ज्ञान की बातसतगुरु आया शब्द सुनाया निर्मल हो गया
भरोसे थारे चाले हो गुरुजी म्हारी नाव
भरोसे थारे चाले हो गुरुजी म्हारी नावगुरुजी म्हारी नाव गुरुजी म्हारी नावभरोसे थारे चाले हो गुरुजी म्हारी नावनही है म्हारा
समझी लेवो रे मना भाई अंत नी होय कोई आपणा
समझी लेवो रे मना भाई ,अंत नी होय कोई आपणा ।समझी लेवो रे मना भाई ,अंत नी होय कोई आपणा ।आप निरंजन निरगुणा, हारे सिरगुण तट
मोरी सुरती पिया में समाय गई रे
समाय गई रे समाय गई रेमोरी सुरती पिया में समाय गई रेजब से संग सतगुरु जी की पाईजब से संग सतगुरु जी की पाईभगति के रंग में र
आनंद मंगलाचार सिंगाजी घर आनंद मंगलाचार
आनंद मंगलाचार सिंगाजी घर आनंद मंगलाचार निर्गुण का गुण कसा हम गांवा रेगुण को छे अंत नि पारसिंगाजी घर आनंद मंगलाचार ज्ञान
सतगुरु सिंगाजी महाराज की संध्या आरती
संजा भई गोपाल की न धेनु चरे घर आएराधा धुवे धोवणी न मोहन धुवे गाय ,सांझ पडे दिन अस्त भए न चकआ चुने न चुन ,चल चाकुआ वहा जा
क्यों गरव कर्रे इस काया का
क्यों गरव करे इस काया का तेरी काया रहेगी ना अरे इंसानकाया तेरी फुल समान क्यों गरवाया है नादानसदा ना रहेगा इन बागो में दि
म्हारा सिंगाजी दुनिया म हुया रे महान
म्हारा सिंगाजी दुनिया म हुया रे महानजली रही ज्योति न उड़ रे निसाणम्हारा सिंगाजी की महिमा छे न्यारीअरे गुण गाव तुम्हारा स
कसो तज्यो रे लाडिला भइया रे मख कसो तज्यो लाडिला
कसो तज्यो रे लाडिला भइया रे मख कसो तज्यो लाडिलामनरंग अपराध किना भइया रे मख कसो तज्यो लाडिलामारग म तुन दर्शण दीयो गाय भैं
हाथ करताल तंबूरो बजाई रई
हाथ करताल तंबूरो बजाई रई ,साधु न की संग म मीरा भजन करी रईमाथा की बिंदिया महल म भूली आई ,महल म भूली आई , महल म भूली आई ,च
पीवजी मन मत करजो उदास सदा तुम हासी न रहजो जी
पीवजी मन मत करजो उदास ,सदा तुम हासी न रहजो जी ।म्हारा मन म खुशी की बड़ी आस ,सदा तुम हासी न रहजो जी ।सूरत तुम्हारी दूर बस
चार दिनों का ताप ये कैसा फिर विपदा है लाई
चोंक चोराहो पर मौत खड़ी है श्मशानो में देखो भीड़ भरी है कोई न अपना तेरा अगन लगाये तू क्यों इतराएचार दिनों का ताप ये कैसा
मृगला खेत गया सब खाई
अब मैं क्या करु मेरे भाई,मृगला खेत गया सब खाईक्या करु मेरे भाई अब मैं,खेत गया सब खाईमृगला खेत गया सब खाई,ऐ मृगला ख
क्यों पानी में मल मल नहाये
क्यों पानी में मल मल नहाये,मन की मैल उतार, मन की मैल उतार, क्या पानी में मल मल नहावें,मन को मैल उतार पियारे,।।हाड़ माँस
के एक बारी आओ प्रभु
कहीं तो बेबस बिलख रहे हैं, कहीं तो तड़प रहेकहीं तो सांसो की गिनती में लाखों भटक रहेबंद है तेरे सब दरवाज़े कैसे तुझे मनाए
ऐसी पिलाई साकी कुर्बान हो चुके हम
ऐसी पिलाई साकी, कुर्बान हो चुके हमअब तक रहे जो बाकी, अरमान खो चुके हमकरते हो दिल्लगी तुम, अव्वल बनाके पागलकूचे में तेरे
सारो संसार दुःखी है सुखी कौन है सुनो
सारो संसार दुःखी है सुखी कौन है सुनोकोई तन दुखी कोई मन दुखीकोई धन बिना फायर उदासथोड़ा थोड़ा सब दुखीभाई सुखी राम का दास।।
पग पग पोरो पाप रो कलयुग में क्युं तड़पावो
पग पग पोरो पाप रो कलयुग में क्युं तड़पावोरात में कुरनावे साँवरा मोरियानींद बैरण नहीं आय श्री हरि सम धान बताओ जीश्री हरि
हट जा निंद्रा मोत बैरण मोहे साहिब ने रटवा दे
हट जा निंद्रा मोत बैरण मोहे साहिब ने रटवा दे ,क्ई जन्म रा पाप कियोड़ा आज भजन से कटबा दे ,इस काया में अमृत कुवा ,भर भर प्
समय को भरोसो कोनी कद पलटी मार जावे
समय को भरोसो कोनी कद पलटी मार जावे,कदीकदी भेडिया से सिंह हार जावेगुरु वशिष्ट महा मुनि ज्ञानी लिख लिख बात बतावे,श्रीराम ज
माला जप लो अलख निजारी
तर्ज : श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी जप लो माला, अलख निजारी ,ध्यान लगा आठो, याम पुकारी ,एक अलख से, अलख पसारा,तीन देव और
जयति जय गायत्री माता
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता,सद मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता,जयति जय गायत्री माताआदि शक्ति तुम अलख नि
चालो मारी रेल भवानी
चालो म्हारी रेल भवानी ये चाला संता रे देश,मारा सतगुरु खोली बारी , हुई टिकट की तैयारी,बैठ चलो नर नारी रे, सिवरा देव गणेश,
उड़ जाएगा हंस अकेला जग दर्शन का मैला
उड़ जाएगा हंस अकेला, जग दर्शन का मैलाछुटेंगे महल अटारी, छूटेगी दुनियादारीकुटुंब कबीला छुटे-छुटे, बचपन दिन संग खेला रेजैस
एक तू ही मेरा आखिरी सहारा रुणीजे वाले लाज रखना
एक तू ही मेरा आगरे सहारा रुणीजा वाले लाज रखनामैंने सब कुछ तुझको ही माना, रुणीजा वाले लाज रखनाधरती पर अवतार ले आया ऊंच-नी
क्यूँ पानी मे मल मल नहाये
क्यूँ पानी मे मल मल नहाये,मन की मैल उतार दो प्यारे ,मन की मैल उतार ,क्यूँ पानी मे मल मल नहाये,मन की मैल उतार दो प्यारे,म
छोटी सी उमरिया में मीरा बाई नै हरी मिल्या जी
छोटी सी उमरिया में मीरा बाई नै हरी मिल्या जी आज मीरा नै मिलगयो - मिलगयो गाया रो ग्वाल साधारी संगत मीरा बाई छोड़ दो जी आज
कबीर मन पंछी भया
कबीर मन पंछी भया भावे तो उड़ जाय,जो जैसी संगती करें वो वैसा ही फल पाय,कबीर तन पंछी भया, जहां मन तहां उडी जाइ,जो जैसी संग
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