
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
सदा सुहागन नारी का ये व्रत है बड़ा महान,इस व्रत से ही पति व्रता नारी की है पहचान,करवा चौथ करवा चौथ ,इक साल में इक बार ही
नारी अति महान जगत में नारी अति नहान,जिसका घर घर में समान,धर्म कर्म शृंगार है इसके सत्ये अहिंशा इसके प्राण,जिसका घर घर मे
करवे की रात है पिया जी का साथ है,बदली में छुपा कहा चंदा तू आज है,करवे की रात है सोहनी सोहनी खुशबू गजरे की महके,माथे बिंद
चार वेद के शास्त्र देख लो ओम सरेखा नाम नहींसरवन जैसा नहीं रे सेवक कोशल्या सी माता नहींसीता जैसी नहीं सती वह लक्ष्मण जैस
झुंझुनू में प्यारा पंच देव दरबार है,सारी दुनिया में इसकी जय जैकार है,झुंझुनू में प्यारा पंच देव दरबार है,इक वार आ दर्श क
सारे गाम में दादा तेरा रुका हो रहया से,यो पालम का छोरा दादा तेरा हो रहया से,घोड़ा तेरा सफेद सवारी प्यारी लगे से,तेरी सूर
माँ बाप का दिल दुखा तो न दोगे,भुढ़ापे में उनको रुला तो न दोगे,माँ बाप का दिल दुखा तो न दोगे,नो महीने रखा था तुझे गरब में
आ जाओ अग्रोहा धाम ये खुशियों का नगर है भगवन का घर है यहाँ किस बात का डर है बैठा है महाराज दरबार लगाके अपनी नज़र से देख ल
जो कोख में अपनी बेटी को मरवाते जीते जी तड़पते हैं कभी सुख नहीं पातेबेटियां ममता की पहचान हैं बेटियां ईश्वर का वरदान हैं
दोनों कुल की लाज लाड़ली रखना आज संभालबाबुल का घर जन्म भूमि है कर्म भूमि ससुराल भाई की लाडो माँ की दुलारी बाबुल का अभिमान
अग्रसेन महाराज जी तुम्हे लाखों प्रणाम,लाखो प्रणाम तुम्हे लाखो प्रणाम,अग्रसेन महाराज जी तुम्हे लाखों प्रणामतुझबीण कौन हमा
इंसान इंसान को क्या देता है करम तेरे अच्छे हो तो वो बिन मांगे सब देता है करम खोटे तो ईश्वर का भजन करने से क्या होगा किया
दृग उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीत,परत गाँठ दुरजत हिये, दई नई यह रीति ,मुझसे अधम अधीन, उवारे न जायेंगे,प्रभु आप दी
नाग देवता त्राही माम त्राही माम,वो शंकर के गले को सजाने वाले है,वो विषनु को शैया पर सुलाने वाले हैंनाग देवता त्राहि माम-
बता मुझे ओ जहाँ के मालिक,ये क्या नजारे दिखा रहा है,तेरे समंदर में क्या कमी थी,की आदमी को रुला रहा है,कभी हसाए कभी रुला द
काछबो न काछबी रहता समंद में , लेता हरि रो नामभक्ति रे कारण बाहर आया , कीन्हा संतो ने प्रणाम संतो रे शरणे पङिया जी , झटक
आयु तेरी बीत रही है कुछ तो सोच विचार,जन्म ये मिले न बारम बार,आयु तेरी बीत रही है कुछ तो सोच विचार,माया का ये पिंजरा मानव
दस बन्दिया नाम केहड़े वेले जपिया,काम ते क्रोध कोलो गया ता तू बचेया,दस बंदियां नाम .............बारा साला तेरे ऐवे खेडा व
जबर जुलम दी जालमा ने हद मुकाई,होये प्यासे खून दे बई भाई भाई,किती इल्तफिरंगियाँ की वरतेया भाना,साथो बाबा खोह लिया तेरा नन
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।घर अजमल अवतार लियोलाछां सुगणा करे थारी आरती।हरजी भाटी चंवर ढोले।पिछम धरां सूं म्हारा
इक्क दिन छड्ड जाना दुनिया दे रंगीले भाग नु,गठ बन ले तू बन्देया सत्गुरा दी इस बात नु,इक्क दिन छड्ड जाना .....धुप ढले हनेर
दुनिया रंगीला भाग इक दिन छड़ जाना,छड़ जाना,छड़ जाना,इक वार,दुनिया नु छड़ जाना,दुनिया रंगीला भाग,भजन प्रभु दा जिह्ना ने क
छड्ड जाना दुनियां रंगीला बाग़इक दिन छड जाना,धिया प्यारियां पुत्र प्यारे,सबना ते प्यारे घरवार इक दिन छड जाना,छड्ड जाना दु
मात-पिता गुरु देवता, तीनो एक सामान,इन से हिल-मिल चलिए, वो नर चतुर सुजान,संसार सागर है मगर, माता-पिता एक नाव है, जिसने कर
थारी उमर रा रा गिणयोडा दिनडा जावे रे,मिजाजी थोडो राम ने सुमिर ले रे,चार दिनां री बंदा जोश जवानी रे,थारे लारे रे बुढ़ापो
ये मिलते नहीं दोबारा रे,करो मात पिता की सेवा,मात पिता हो रूप हरी का,मात पिता हो रूप हरी का,पार तिरण का एक तरीका,पार तिरण
बेटा थारी मां समझावे रे,चेत सके तो चेत मनख पणो फेर नही आवे रे,नो दस महीना जुल्यो गर्भ में मां गणी दुख पाई रे,बाहर आयो खु
माँ बाप के चरणों में , बसे तीर्थ सारे हैवो सब कुछ पा जाते , जो इनके प्यारे है चमड़ी उतार अपनी चाहे जूती बनवायेइनके एहसान
कसमे वादे प्यार वफ़ा सबबातें हैं बातों का क्याकसमे वादे प्यार वफ़ा सबबातें हैं बातों का क्याकोई किसी का नहीं ये झूठेनाते
पिता जैसा नही कोई है निरभा दुनिया में,पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान दुनिया में,ये बचो के लिए चुन चुन के लाता आप दा