
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
रखियां बंधालो भैया सावन आया रेचंदा और सूरज जैसे,राम और लक्ष्मण जैसे प्यारे हमारे भैया ,जुग जुग जीवो रे रखियां बंधालो भै
म्हाने जाम्भोजी दीयो उपदेश भाग म्हारो जागियो मरूधर देश समराथल भूमि गुरूजी दियो उपदेश पीपासर में प्रकट भया आय सुधारयो बाग
कदे ना हरि गुण गायो रे,ते मानव जनम गमियो रेलख चोरासी भटकत-भटकत, नर तन पायो रेरेकोल किया था भजन करण का,जग भरमायो रेबाल पण
जगत मे देखी झूठी शान सर्व सुख हरि शरणागत जानचाहे काशी मथुरा जावो,गंगा
धरती रोई अम्बर रोया रोये चाँद सितारे,मों तमाशा देख बेटी का विनती करते सारे.मत बेटी मारो मत बेटी मारो अपनी सोच सुधारो,जिस
ये मेरा मन एक सागर है सागर का तू किनारा है तू किनारा है ,मेरे मन के सूने अम्बर में, तू चमकता हुआ तारा है एक तारा है
पिजरें में बैठा सोचता है पंक्षी फूलों का मोसम तो बीत गया हो गया ये दुनिया तो तूने दिखा दी विधाता अगला जन्म जाने केसा होग
मीणा भाई रम जा रात अंधारी,काला कामला की गांति मार ले ,कमरिया में भंवर कटारी,आरड़े पारड़े करसा सुता ,बीच मे गेहूं की ढेरी
मन रे कर सत्संग सुख भारीनारद की काटी चौरासी ,कालू कीर की राय,लादु अजमल तीर गया ,पुत्र नारायण लो लगाय,सज्जन कसाई सुधारिया
साधो भाई सत्संग उत्तम गंगा,पाप ताप संताप मिटावे,झण्डा लहरावे तिरंगा,सत्संग तो संता की कोर्ट ,चले ज्ञान प्रसंगा,सतगुरु दा
अरे रे दर्श कारणे भेरू आयासोनाला माय दर्शन दीजोटाबरिया जोवे बाट अरजी सुनजोथाने जोडा दोनु हाथ अरजी सुनलोअरे सोनाला रा नाथ
साधो भाई अवगत लिखियो ना जाई,जो कोई लिखसी संन्त शूरमा ,नूरा में नूर समाई,जैसे चन्दा उदक में दरसे ,ज्यूँ सायब सब माही,दे श
छोड़ जगत की बातां ने,थूं राम जी को नाम संभाल ,खो दियो कचरा में,राम नाम मे मातो ठनके ,झूटी बातां में ऊबो कड़के,आयोड़ो अवस
रामदेव जी बाबा बेगा पधारो, सभा थांकी बांट जोवे गणी,चरण शरण मे राख उबारो, आप बिना मारो कोन घणी,पाठ पुरावा जमो जगावा, आप आ
साधो भाई या मन कि बदमाशी,अपनी इज्जत ने धूल में मिलावे ,गणी करावे हांसी,यो मन तो भाई तीर्थ करावे ,ले जावे मथुरा काशी,यो ह
साधो भाई भक्ति प्रेम रंग पाका ,कूड़ा कपटी के समझ नही आवे, अगम निगम की साकादुर्योधन का मेवा त्यागा ,भोजन विधुर घरां का पा
म्हारे काग आंगणे बोले हेली , गुरु मिलण की आस,गुरु मिलण की आस , म्हारे राम मिलण आस,म्हारे काग आंगणे......इंदर अखाड़े आया
में कई पाप किदो यम दुता धीरे दो कोड़ा की,माता पिता को केणो न मान्यो , न तो सुनतो वाकी,बुढापा में हीडा न किदा , न उड़ाई
संता राम भजो डर काकोभजियो ज्याको विश्वास राख ज्यो ,सायब भिड़ी थांकोश्री यादे सिमरण ने बैठी ,नचो ढाब धणिया कोजलती अग्नि ब
बतादे मुझे ओ जहां के मालिक क्या नजारे दिखा रहा है,तेरे समंदर में क्या कमी थी के आदमी को रुला रहा है,बतादे मुझे ओ जहां के
गुरू जम्भेश्वर की आरती कीजे।रूप अलोकिक सब निरखीजे।।समराथल पर आप विराजे।गल मोतियन की माला साजे।।भंगवी टोपी रूप निराला। मा
थे तो आया जम्भेश्वर आया, भगता रे मन भाया जी,म्हे तो थाने मनावण आया,राखो छत्र वाली छाया जी,गुरू जी थाने मनावण आयादेवा ऊचे
झीणी- झीणी उङ रे गुलाल,जाम्भेजी रा मेला मे,तिर्थ तालवे थारी बणी समाधी,धोक लगावे जारे मिट जावे व्याधी,मंदिर बण्यो मुकाम ल
मेरे खुदा मेरे प्रभु अपनी शरण में लेले तूसारा जग अंद्यारा है तू ही इक हमारा है,राह मे हम भटक न जाए तू ही इक सहारा है,मेर
रंजो गम को दूर हटाके हस दे माई डिअर.आओ सभी मिल कर मनाये हप्पी न्यू इयर,इस जीवन की दोड से हट के आके ख़ुशी मना लो.प्रेम प
हे मात पिता गुरवर मेरे चरणों में शीश निभाता हु,मिला मात पिता से है जीवन,ममता भी मिली और प्यार भी मिला,श्री श्याम चरण में
दस्सी कलगी वालेया वे किथे लाला दे ने जोड़े,माता गुजरी दसदी न किथे पाया ओहना विछोडे,मेरे लाला दे जोड़े मेरे सोहने राज दुल
सोने वाले जाग मुसाफिर समय ना कर बरबाद,निद्रा से उठकर,प्रभुजी को करले तु याद,गर्व वास मे तुमने प्रभु से कोल किया,हरि ने
चार महासू देवा बडे प्यारे लागदे कौ,सारे कष्ट मिटाये घर घर आइेकेबोठा चालदा बाशिक पवासी चार भाई हो. चार महासू बेटे देवला
भगती कर भगवत की भाईभगती कर भव पार उतरले , जीव परम पद पाई।भगती कीवी ध्रुव भगत ने,जा कर वन रे मांही।अटल राज प्रभुजी ने दीन