
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
राम राम बोलो जय जय राम,राम राम बोलो जय जय राम,राम राम बोलो जय जय राम,राम राम बोलो जय जय राम.....मेरी बंधी राम से डोर भजन
हो मिथिला में राम खेले होली मिथिला में.....किन्न्का हाथ कनक पिचकारी,अरे किन्न्का हाथ अबीर झोली मिथिला में,हो मिथिला में
राम राम राम राम राम राम राम,राम राम राम राम राम राम राम.....उठे तो बोले राम, बैठे तो बोले राम,म्हारा मेहंदीपुर हनुमान, त
तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम ओ, मेरे अलबेले राम,तेरी मर्ज़ी का मैं हूँ गुलाम ओ, मेरे अलबेले राम.....तन मन धन प्रभु तुम प
भजन बिना नादान उमर खो गई सारी.....भजन किया नहीं राम नाम का,दास बना रहा सदा काम का,रे मुरख अज्ञान उमर खो गई सारी,भजन बिना
रघुवीर चले, छोटे वीर चले,चली जनक, दुलारी साथ में,अब हुई गर्जना बादल की,रघुवीर चले, छोटे वीर चले,चली जनक, दुलारी साथ में,
राम सिया राम सिया राम जय जय राम,राम सिया राम सिया राम जय जय राम......रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया,रामा रामा रटते र
राम श्री राम, राम श्री राम,राम श्री राम, राम श्री राम……राम नाम आधार है जग का,क्यों इसको बिसराये,राम नाम आधार है जग का,क्
समय केवट की देखो बदली है रवैया, पालनहारी जग का, केवट है खेवैया.......बोलो राम राम राम, राजा राम राम राम.....वो कैसे, निभ
जपते जपते कभी कभी वो राम नज़र आते हैं,राम नज़र आते हैं, घनश्याम नज़र आते हैं,वो मेरे गुरुदेव नज़र आते हैं......हो मीरा ज
प्रगट हूये श्री राम, हर्षित सारा अयोध्या धाम,हरषे कौशिल्या दसरथ, जन्मे श्री राम,नर नारी नवचर किन्नर पुलकित सारा धाम,प्रग
जय जय राम राम श्री राम जय जय राम राम श्री राम रे मन हरी सुमिरन कर लीजे,हरी को नाम प्रेम सो जपिये, हरी रस रसना पीजे, रे म
सीता पढ़न चली छठसाल राम हृदय में रट के,राम हृदय मे रट के हरि जी हृदय में धर के,सीता पढ़न चली छठसाल....रास्ते में एक बाबा
ले लो ले लो रे जनक जी कन्यादान,सिया तो राजा राम की हुई....बड़े भाग हैं जनक तुम्हारे रघुवर मिले जमाई,रूपवान गुणवान बहुत इ
सूरज की, गर्मी से, जलते, हुए तन को, मिल जाए, तरुवर की छाया llऐसा ही, सुख मेरे, मन को, मिला है मैं, जब से, शरण तेरी, आया*
मेरी नैया डग मग डोले,तुम बिन मेरा कौन सहाई,रघुकुल नंदन श्री रघुराईहम नादा हम भोले।।जीवन की ये लहर लहरियां,मुझको रही उलझा
राम रस जिसने भी पिया उसका तो हो गया बेड़ा पार.....राम रस भीलनी पी गयी सारा,टोकरे पे बुला लिए भगवन,बेर भीलनी के खाये भीलन
घर घर होवे राम कथा,वर्षा होवे अमृत की,घर घर होवे राम कथा,वर्षा होवे अमृत की……राम कथा अमरित बानी,ऋषि मुनि संतो ने जानी,कि
मेरे मन में भी राम मेरे तन में भी राम,रोम रोम में राम समाया राम कैसी है तेरी माया.....देखो धरती में भी राम आकाश में भी र
राम कुछ करो ऐसा,फिर तेरी शरण आऊँ,राम कुछ करो ऐसा,फिर तेरी शरण आऊँ,जब कभी जन्म लूँ तो,जन्म अवध में पाऊँ,राम मेरी आपसे,विन
सिया बनी दुल्हन दूल्हा रघुराई है,दूल्हा रघुराई हैं जनक घर आए हैं,सिया बनी दुल्हन दूल्हा रघुराई है....किसके सिर पर मुकुट
मेरे घर दा धंधा नही मुकदा,मेरा राम जपन नू जी करदा.....मीरा ने छड ते महल चबारे,मेरा छोटा जया टबर ना छूटदा, मेरा राम जपन न
सीता सीता पुकारें प्रभु वन में,कभी कलियों में ढूढे कभी उपवन में,सीता सीता पुकारें प्रभु वन में.....पूछे पेड़ों से प्रभु
उमरिया तेरी धोखे में बीत गई,ना लियों राम को नाम....बालापन हर्ष खेल गमायो,जवानी गई बुढ़ापा आयो,जा तीरिया से नेह लगायो ते
मेरे राम लखन दो प्यारे प्यारे, दशरथ की आँख के तारे,और सीता माँ का क्या कहना क्या कहना....जन्मो जन्मों के फल से इनके दर्श
हम तो अपनी मस्ती में झूमते चले है,जय राम कर लिया है रस्ते में जो मिले हैं.... चाहे हो कोई मौका खाएंगे नहीं धोखा, श्री रा
भीलनी तेरे घर आवे भगवान आज तू सोईयो मत ना री....भोर भऐ तु कुटिया झाड़ियों,कुटिया झाड़ियों अंगना लिपईयो,भीलनी फटकार विछईय
राम सा नही कोई उद्दार,चरण पड़े को शरण मे रखे,करदे बेड़ा पार,राम सा नही कोई उद्दार.....मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभुवर,करते सद
राम नाम की लूट,लूटलो जितना चाहे,लूटलो जितना चाहे, लूटलो जितना चाहे.....राम नाम अनमोल है प्यारे ,मिलता बिन हाथ पसारे,लूट
सूरज चंदा तारे उसके धरती आसमान, दिन भी उसका रात भी उसकी उसकी सुबह और शाम, राम की राम ही जाने राम.... संत जानो की रक्षा ह