
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
सीता माता ने किया है पिंडदान गवाही याकी कौन भरे....कर स्नान राम जी आए नदी किनारे पास,करने लगे जब पिंडदान तो सीता ने दिया
राम राम जय राजा राम पति दा पावन सीता राम,राम राम जय राम राम जय राम राम जय राम,भजमन राम चरण सुखदाई.....जिहि चरनन से निकसी
मैं क्या जानू मेरे रघुराई,तू जाने मेरी किस में भलाईसहारा तेरा, ओ साईं.....सारे जगत को देने वाले,मैं क्या तुझ को भेंट चढ़
राम का दरबार, मन की शांति का द्वार,ॐ शन्ति, मन की शान्ति, तन की शान्ति,क्रोध शान्ति,जब सब शांति, तव राम करे उद्धार....जब
कितना सुंदर मृग नाथ,पंचवटी आया है,लाओ मृग को पकड़,नाथ मेरे मन को भाया है.....सुनी राम सीता की वाणी,तुरंत उठे कसी धनुष कम
रघुकुल नंदन मुक्ति बन्धन,सत सत नमन करूँ अभिनंदन,कौशल्या सुत श्री राम को,न्यौछावर तन मन धन....प्रगट भय जब दीनदयाला,कौशल्य
सीता बेटी ना रो अपना जीवन ना खो धीरज धरो,मेरी कुटिया में कुछ दिन गुजारो....बेटी किस्मत में यही लिखा था,तेरा जीवन बनो में
घर धंधे में पड़ी री बावरी तोहे कैसे राम मिलेंगे....आंख दई तोहे दरस करन को,आखन पट्टी बंधी री बावरी, तोहे कैसे राम मिलेंगे
गुरु बिन ज्ञान, गंगा बिन तीरथ रामा,बिन रे एकादशी के व्रत काहे को रामा,गुरु बिन ज्ञान, गंगा बिन तीरथ रामा...बालू की भीत अ
प्रेम से बोलो हनुमाना बोलो जय सिया रामा,जय सियारामा जय हनुमाना,बोलो हनुमाना बोलो जय सिया रामा.....सोने के सिंहासन पर बैठ
ओ रामजी तेरे भजन ने, बड़ा सुख दीना,तेरे भजन ने, बड़ा सुख दीना,ये दुनिया दीवानी, दो दिन की कहानी,पल दो पल का है जीना,बड़ा
राम के भजने से बेड़ा पार है,राम के भजने से बेड़ा पार है,बिन भजन के ये जनम बेकार है,बिन भजन के ये जनम बेकार है....ये मानु
बड़े करुणामयी है सीतापति,ऐसे चर्चे प्रभु के सुने है मगर,है दयावान उनसा नही और कोई,ऐसे चर्चे प्रभु के सुने है मैंने....गी
साथी भूल ना जाना,साथी भूल ना जाना,श्री राघव के चरण पकड़कर, जीवन सफल बनाना,साथी भूल ना जाना।।राघव के गुणगान से मानव,भव भय
मैंने ढूंढ लिए चारों धाम,नहीं मिले राम,यही तो दुःख भरी है……ढूंढा मैंने नगरी अयोध्या,जहां राम लिए अवतार,मिले नहीं राम,यही
भर लाई गगरिया राम रस की,राम रस की रे हरि के रस की,भर लाई गगरिया राम रस की,राम रस की रे हरि के रस की.....ब्रह्मा ने पी ली
सुबह से शाम सर पे बोझ कितना काम है हां,सुबह से शाम न ही रुकना न आराम है हां,नसों में रक्त, सर पे भूत दिल में भावना हो,की
चारों धाम से निराला अवधपुरी धाम,रानी सीता के संग विराजे राजा राम....सरयू के तट पे तुलसी मिलेगे,तुलसी सुनाएँगे राम गुण गा
हम राम के बन्दे है,हाथ जोड़कर जिनको पुकारे,प्राणों में हम जिनको उतारे,नाम वो है राम,मेरे सियाराम सियाराम सियाराम......रो
राम नाम की माला जपेगा कोई दिलवाला,जपेगा कोई दिलवाला, जपेगा कोई दिलवाला,राम नाम की माला जपेगा कोई दिलवाला......एक माला मी
रघुवर झूल रहे अपनी उमंग में,सिया जी के संग में ना।बादल छाए घनघोर, बिजली चमके चहुं ओर,मोर नाच रहे अपनी तरंग में, सिया जी
सावन की घटा घनघोर की रिमझिम बरसे चारों ओर,झूला झूले जनक दुलारी झूला रहे अवध बिहारी.....श्यामल श्यामल राम हमारे, गौर वरन
झूला लगे जनक फुलवारी,झूले सिया सुकुमारी ना ।काही के डोर काहि का पलना,काही के डारी ना, सखी हो,झूला लगे जनक फुलवारी,झूले स
रघुवर ने उठाकर धनुष को दिया तोड़,जय-जय की झंकार मची है चारों ओर....धनुष को टूटा सुनके सिया मुस्कुराई,आके गले में जयमाला
सीता के राम रखवाले थे,जब हरण हुआ तब कोई नहीं,जब हरण हुआ तब कोई नहीं,जब सिया चुरी तब कोई नहीं,सीता के राम....द्रोपति के प
सीता आगे धरे ना पांव मुड़ कर देख रही पीछे को,मुड़ मुड़ देख रही पीछे को, मुड़-मुड़ देख रही पीहर को,सीता आगे धरे ना पांव..
दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति सिया राम की,याद आती है कलेजे में मेरे भगवान की,दिल ने दिल भरके ना देखी.....प्रेम हो तो ऐस
श्रीराम बुला लो मुझे भी दर पर आने के काबिल नहीं हूं,मैं गुनहगार हूं माफ कर दो, सर झुकाने के काबिल नहीं है,श्रीराम बुला ल
मेरी मानो पिया उनकी दे दो सिया,बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया,बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया.....जब से हर करके लाए सिया जा
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी,मेरा भी धन्य जीवन बनायेंगे रामजी....आँखों से रोज अपनि राहे बुहारती,कांटे लगे ना कोई कोमल