
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
तर्ज - कीर्तन की है रातजीन भवानी मां,थारी महिमा न्यारी है, थाने पुजे दुनिया सारी है......-2जीन भवानी मां,थारी महिमा न्या
के मन मेरा बच्चा बना दे माइये, के मन मेरा बच्चा बना दे माइये,अखां बन्द करां के तैनु वेख लवां,ऐना अच्छा बना दे माइये,के म
बैठी पहाड़ों में माँ शारदा,तेरी महिमा का क्या कहना,है भुवन हजारों में......-2लाल ध्वजा आल्हा उदल लहराए,लाल चुनरिया मन को
माँ अम्बे तू भर दे मेरी झोली,मैं आई तेरे द्वार पे,द्वार पे माँ अम्बे रानी तेरे द्वार पे,द्वार पे माँ वैष्णों रानी तेरे द
( जब जब दुनिया में भक्तो पे अत्याचार बड़ा है, तब तब भक्तो ने काली माँ को याद किया है,खडग त्रिशूल लेके आ जाओ माँ, ये विनत
जो नौ दिन मईया नै मनावैगी, वा तो छिक छिक मौज उड़ावैगी,वा तो छिक छिक मौज उड़ावैगी,जो नौ दिन मईया नै मनावैगी, वा तो छिक छि
तेरी करती रहूं मैं चाकरी,वरदान यही मैं चाहूँ,वरदान यही मैं चाहूँ,वरदान यही मैं चाहूं,वरदान यही मैं चाहुँतेरी करती रहूं म
जय सिद्धिदात्री, ॐ जय सिद्धिदात्री,सर्व सुखों की जननी, रिद्धि सिद्धिदात्री॥ ॐ जय सिद्धिदात्री......अणिमा गरिमा लघिमा, सि
महागौरी दया कीजे, जगजननी दया कीजे, उमा रमा ब्रह्माणी, अपनी शरण लीजे॥महागौरी दया कीजे......गौर वर्ण अति सोहे, वृषभ की असव
कालरात्रि माता, जय कालरात्रि माता,धन वैभव सम्पत्ति, की तुम ही दाता, जय कालरात्रि माता......रूप भयंकर तेरा, शक्ति महामाई,
कात्यायनी माता, जय कात्यायनी माता, सुख सृष्टि में पाये, जो तुमको ध्याता॥जय कात्यायनी माता.....आदि अनादि अनामय, अविचल अवि
ओ माँ तू तो जाने व्यथा मन की, अँखियाँ जो छुप छुप रोई तुझसे छुपी ना कोई, हरी तूने हर पीड़ा दुखियन की॥ओ माँ...पर्वत त्रिकू
गाओ रे झूमो रे नाचो रे गाओ,आईं है मैया अंगनवा हमारे,झूम झूम के नाचो झूम झूम के,झूम झूम के गाओ झूम झूम के।सिंघा पे बैठी आ
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव
श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।मह
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा क
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।शुभदास्तु
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।दधाना हस
पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युत
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥ ( 108 )ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी या
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
तेरी लाल चुनरियाँ माँ, तेरी लाल चुनरियाँ माँ,साडे दिला विच वसदी ए, साडे दिला विच वसदी ए, तेरी हिरे जड़ी मुंदरी माँ, तेरी
जय माँ जय माँ जय माँ जय जय जय जय माँ मैया का जय हो,मैया का जय हो, मैया का चोला लाल रंग भक्तो को है भाये,मैया का चोला लाल
तू बिगड़ी बनाने वाली है, करती सबकी रखवाली है,तुमसा मैया कोई नहीं, तुमसा दाती कोई नहीं॥तू ही मेहरावली मैया तू ही झंडेवाली
हर सुख वही वो पाता जो वैष्णो धाम जाता,वो है किस्मत वाला, जो बुलावा माँ का पाता, दौड़ा दौड़ा आता तेरे दर पे भक्त आता ॥वो
जय माँ जय माँ बोल तर जायेगा तर जायेगा तू,जब दर मैया के जायेगा, जब माँ के दर्शन पायेगा,जय माँ जय माँ बोल, तर जायेगा तर जा
मंदिर में बैठी मैया जी आसन लगाए के,हम सब मनाए मैया को ताली बजाए के॥रामा मनाए सीता को,रामा मनाए सीता को धनुवा चलाए के,हम
आई शुभ नवरात्री आयी, घर घर में खुशियां छाई,जय माँ प्यार माँ भूली माँ रानी माँ,आई शुभ नवरात्री आयी, माँ का भवन सजाओ जी,आए
बुलावा माँ का आया है,चलो कैलाश चले....-2संदेसा माँ क आया है,चलो कैलाश चले....-2जो भी गया द्वार माता के, खाली हाथ ना आया,