
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
कालो की काल महाकाली भवानी माई कलकत्ता वाली कलकत्ता वाली भवानी माई काली महिमा तुम्हारी निराली भवानी माई कलकत्ता वाली हे अ
परब्रह्म रूपिणी माते महालक्ष्मी जय जय जय सुखकारिणी भव दुु: ख निवारिणीपाप नाशिनी जय जय जयपरब्रह्म रूपिणी माते महालक्ष्मी
स्वर्ग से आई है मेरी मां, खिला-खिला सा लगे समां...हां, स्वर्ग से आई है मेरी मां, खिला-खिला सा लगे समां...धुन भक्ति की सव
संग में बाड़ी सातो बहिनी चंडी दुर्गा कालीचलेला डोली हाली हाली मैया जी मुसकालीदेखा भैरो भैया चलत जाले सथवाकहार बनल बाहो द
शेरवा सवारी करके आवा मोरी मइया, बतावा मोरी मइयागांवे अइबू कहिया बतावा मोरी मइयादेखि तोहर रहिया बतावा मोरी मइयादर्शन के ख
नही चंचल जे जमने ने लालदीवाने तेरे लखा होण गे माँ दी भगती दी ओ सी मिसाल,दीवाने तेरे लखा होण गे राता जाग जाग नि माये जिस
मेनू अपने दर ते बुला ले शेरा वालडीये अपनी चरनी ला ले शेरा वालडीयेशेरा वालडीये मंदिरा वाल्डीये मेनू अपने दर ते बुला ले शे
कलयुग का माँ ध्यानु तेरा चंचल चला गया सुन ले माता मेरी तेरा बेटा चला गया तेरा चंचल चला गया तेरे नाम का सिमरन कर कर सारी
नि ज्वाला रानिये तेरे नाम दी बल्ले बल्ले माँ ज्वाला रानिये तेरे नाम दे चरचे चले नि ज्वाला रानिये तेरे नाम दी बल्ले बल्ले
लागी रहे माँ तेरे चरनो संग प्रीत मैया जी मेरी लागी रहे लागी रहे माँ तेरे चरणों संग प्रीत मैया जी लागी रहे डोले न विश्वास
किन्ना सोहना तेरा भवन सजाया जी करे वेखदा रवा विच जंगला दे मंगल तू लाया दिल विच तेरा ध्यान वसा के देखि जावा कोल बिठा के त
मांऐ नी मांऐ छीटे मेहरां वाले मार देइक वार तू दर्श दिख दे सारियां नु तार दे मांऐ नी मांऐ छीटे मेहरां वाले मार देचिंता सब
तेरी किरपा से हे माता जीती प्रभु राम ने लंका तीनो लोक चहू बहु भवन में बाजे तेरा डंका मोहे चाकर बना कर रखलो कालका माता जी
अज नचना मैया जी दे वेहड़े ढोल तू बजा दे ढोलियां,मैया दे द्वारे अज रोनका ने लगियां मैया दियां जग मग ज्योता वेखो जगियाँ अज
भुलेया नु तू रस्ते पा दे डूबेया नु देवे तार क्यों न तेरी सिफत करा झंडेवाली सरकार,असी हर अस्त्मी औने आ मुहो मंगियाँ मुराद
दुनिया दा ठुकराया हो या शरण तिहारी आया हे प्रित्पाली लाटा वाली मेहर करो महामाया बेडी विच मजधार फसी है डोले जींद निमानी ज
अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुतेगिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।भगवति हे शित
उचिया पहाड़ा ऊते रहन वालियेसुनया तू सानू चिठी पाई होई ऐ आवंगा जरूर तेरे दर दातिये मन विच लग्न लगाई होई ऐ सोन दा महीना प
असी कल भी अज भी कल भी तेरे दर ते आवा गे,कोई लोड पई ते मंगा गे नही ते शुकर मनावा गे बचेया दे कम मैया आप करदी जे बचे भूल ज
खोल खोल माये खोल मंदरा दे बूहे खोल थक गईया संगता जय कारे तेरे बोल बोल खोल खोल माये खोल मंदरा दे बूहे खोल सारा जग घुमेया
तेरे दर से माँ इतना मिला मेरा परिवार तूम से पला अब रहा न माँ कोई गिला फूल मन का तुझी से खिला मेरा कोई नही था सहारा मैंने
खोल भवन दे द्वार नि माये खोल भवन दे द्वार दुरो दुरो संगता आईआ करन लई दीदार नि माँ चारो वेद तेरा गुण गाउंदे ब्रह्मा विष्ण
धुन- जीया बेकरार है लाल चुनरिया, ओढ़ाएंगे, मईया को सजाएंगे, घर में, जगराता करवा के, मईया को बुलाएंगे llपवन चौकी, पर मल म
मैं टाइम न बितावा बड़ी बाते कर के मैं टाइम न लंगावा बड़ी बाते कर के नि मैं सब कुछ पाया जगराते कर के ना ते मैं कोई खान सा
मिठियां मुरादा माँ तो पौन दी एह रात है सुते होए भागा नु ज्गोन दी रात ऐ गुण मेहरावाल्ड़ी दे गौन दी रात ऐसचे दिलो आस रख जे
खुल गये ने मुक्दरा दे ताले जदों दा तेरा नाम ज्पेया,बदल उड़े ने मुसीबता दे काले जदों दा तेरा नाम ज्पेया,सुकियाँ ने वेला फ
मेरी मैया दा द्वारा किना सोहना लगदा सोहना लगदा जी सहनु सोहना लगदा मेरी मैया दा द्वारा किना सोहना लगदा करदी मुरादा आंबे स
नि मैं द्वार मैया दे जाना गल पा के सुहा वाना मैं तेरी जोगन हो गई सब तो सोहना माँ दा द्वारा लगदा सारे जग तो न्यारा माँ दी
\"माँ की लाल चुनरिया, सितारों जड़ी\" ll,*दर्शन को मईया,,, ll, दुनियाँ खड़ी,\"हो माँ की लाल चुनरिया, सितारों जड़ी\" llमईय
\"ओ मईया, श्रृंगार तेरा लाल है\" ll*लाल लाल चुनर, और लाल है चोला ll,रौली का तिलक, माथे लाल लाल है,\"ओ मईया, श्रृंगार तेर