
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
सरस सुपावन शक्ति हे तेजोमयी अपारहे आनंद स्वरूपणी मम हृदय कर उज्जियारजय माँ जय माँअराधन तेरा करूं निशदिन आठों यामघट अंत
विस्तार है आपार, प्रजा दोनों पारकरे हाहाकार निःशब्द सदाओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँविस्तार है आपार, प्रजा दोनों पारकरे
सरस्वती माता का प्राता ध्यान धरे,फिर हम अंतर् मन में अपने ज्ञान भरे.कला विध्या सुर देने वाली देवी को,रोज सुबह उठ कर के ह
हरी गुलाभी नीली पीली चुनरी माँ को चढ़ाये गे,मेरी मैया के द्वार जायेगे शेरावाली के द्वार जायेगे,इस दरबार की अजब कहानी सार
जगन्मात जगदम्बे तेरे जयकारे,तू शक्ति भगवती भवानीमहिमामयी महामाया बखानी विश्व रचे पाले संहारेशांति करी मंगल सुख रूपातू वर
सरस सुपावन शक्ति हे ...तेजोमयी अपारहे आनंद स्वरूपणी....मम हृदय कर उज्जियारजय माँ .....जय माँ ....अराधन तेरा करूं ...नि
ग़दर मचाई काली ने रन में हुई सवार रे,इक हाथ में खपर लेके दूजे में तलवार रे,रन में चली माँ काली मच गया हाहाकार रे,दानव की
कंठ समाओ स्वर को सजाओ जीवन धन्य बनाओ,मैं मूरख अज्ञानी मैया ज्ञान की राह दिखाओ,आओ आओ शारदे माँ आओ आओ शारदे माँ,सुर न जानू
आजा माँ आजा शारदे मैया आजा माँ आजा शारदे,आजा माँ आजा तोरी याद आवे माँ,याद आवे माँ तोरी याद आवे माँ,देजा माँ देजा शारदे द
आगे आगे महामाई चले है पीछे ज्वारे रे,पीछे ज्वारे रे महामाई पीछे ज्वारे रे,आगे आगे महामाई चले है पीछे ज्वारे रे,हर कन्या
हम दो दोड़े दोड़े आयेंगे माता तेरे मंदिर में.आज तुम्हारा शुकर वार भजन तेरे गायंगे,सारा जग तामा आये तुम तो सहाए,संतोषी ना
जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ,आकर कंठ विराजो,शुद्ध शब्द गाता जय-जय,श्वेताम्बर तन धारे,कर वीणा सोहे मैया कर,कमलाश
मेरी मैया तेरे गुण गावा शेरावाली तेरे गुण गावा,नाल मैं श्रद्धा आके माये तनु चुनिया चढ़ावा,शेरावाली तनु चुनिया चढ़ावा,मेर
सर्वेश्वरी, जय जय जगदीश्वरी माँ, तेरा ही एक सहारा है तेरी आंचल की छाहँ छोड़ अब नहीं कहीं निस्तारा है सर्वेश्वरी जय जय .
सोहन माँ दा भवन सज्या भोली माँ नु गहरे भुलाया,किना करदे ओ प्यार माँ नु एह दसना पैना है ,जिहना ने करवाया जगराता ओहना नु न
जगन्मात जगदम्बे तेरे जयकारेतू शक्ति भगवती भवानी,महिमामयी महामाया बखानी,विश्व रचे पाले संहारेशांति करी मंगल सुख रूपा.तू व
मैया तेरा बना रहे दरबारबना रहे दरबार मैया तेरातेरे पावन दर पे आके मैयाहो सबका उद्धार मैयाबना रहे दरबारप्रेम का दीपक ज्ञा
चारे पासे सुख हों किसे नु न दुःख होण,एहो जहिया रोनका लगाई माई मेरिये,मेहरा वाला मीह वरसाई माई मेरिये,एहो जहिया रोनका लगा
माँ तेरे लाडलेया तेरे बिना नहीं रहना ,जदो बुलाइये जिथे बुलाइये तनु आना पैनामाँ तेरे लाडलेया तेरे बिना नहीं रहना ,अष्ट बु
आज मैया तेरा जगराता आजा ओ न शीतला माता,खूब सजा दरबार मैया आ जाओ,हो रही जय जय कार मैया आ जाओ,सूंदर सा दरबार सजाया तोड़ के
माता बचैया दे वल देख चेहर हसदा ,जदो नच्दे दीवाने बड़ा चंगा लग दा,चढ़ जांदे जिह्ना न सरूर माँ दे नाम दे,ना ही ओह संग दे न
मेरी औकात से जयदा मुझे मैया दियां तुने,कभी माँगा न था इतना मुझे जितना दियां तूने ,मेरी औकात से जयदा मुझे मैया दियां तुने
प्रयाग आके गंगा नहाना अपना तन मन पावन कर जाना,गंगा माँ में डुबकी लगाना अपना तन मन पावन कर जाना,माँ गंगा को अपने तू मन मे
प्रथम भागः – आनंद लहरिभुमौस्खलित पादानाम् भूमिरेवा वलंबनम् ।त्वयी जाता पराधानाम् त्वमेव शरणम् शिवे ॥शिवः शक्त्या युक्तो
तर्ज:-राधे राधे बोल श्याम सुनले तेरी (धीरे धीरे बोल कोई सुन ना ले)हंस सवारी वाली जगदम्बे जगदम्बे मां जय अम्बेमां ब्रम्हा
तेरे आये नवराते शेरावालिये नाले हुन्दे जगराते शेरावालिये,भगत प्यारे भेटा गाउँदे बोलन जय जय कारे,मैया जी तेरे मंदिर ते नच
पहला सी गरीब साढ़े कुछ नहीं सी पल्ले,कर कर रेहमता तू भर दिते पल्ले,धन्यवाद करदे आ तेरा दातिए,साडी हो गई बल्ले बल्ले,घर व
फुला नाल सजेया दरबार चिंतपूर्णी दा,मेला बड़ा भरे हर साल चिंतपूर्णी दा,जय माता दी सब नु भुला के भगतो,करलो जी करलो दीदार च
पिंगा झुटे दाती कंजका नाल खेड़े गीटीया ,सिर उते लाल चुनी कना विच झुमके,मथे बिंदी लाल कंजका नाल खेड़े गीटीया लाल पाया लेह
भगावा वाला दिन है चड़ेया दाती मेरी ने कर्म है करेया,दिति खुशिया दी सौगात रोनका लागियां ने,आई जागे वाली रात रोनका लागियां