Hanuman Chalisa
गंगा यमुना सरस्वती के बहते अमृतधारे
गंगा यमुना सरस्वती के बहते अमृतधारे यहाँ आशनां किये या,संगम सब देवो संग होगा संगम घाट किनारे तू धयान किये या,लगा तीर्थ
तुम प्राथना करो
जब जब ये मन घबराये तुम प्राथना करो,जब राह नजर ना आये तुम प्राथना करो,चारो तरफ अँधियारा छाये गोरी उदासी मन फ़रयाये,अगर मु
तेरा नाम एक है
मजहब की दीवारों से ऊंचा उठ कर देखे,वो हर एक सेह में हर इक रूप में मुझको ही तू नजर आये,तेरा ही रूप नजर आये,आल्हा कहो या र
भरदे झोली अब भगवन
मैं दवार तेरे आया हु फर्याद मैं एक लाया हु,भरदे झोली अब भगवन भरदे झोली भगवन,मैं दवार तेरे आया हु फर्याद मैं एक लाया हु,क
चलो सब कुंभ प्रयाग
धरती माता की संतान चलो चले कुंभ महान,पापो से मुक्ति मिल जाती कर तिरवेनी में अस्नान,तीर्थ राज प्राग की महिमा बड़ी महान,के
सत्य बोल नित प्राणी
सत्य बोल नित प्राणी सत्ये निष्ठ बन प्राणी सत्ये ही परमेश्वर है सतय ही सुख है,सत्ये ही जीवन है प्राणी झूठ में दुःख है,सत्
पाके घुंगरू नचू गी नचूगी द्वारे सैयां दे
रब दी रूह दे नो दरवाजे दसवा गुप्त बनाया,उस गली दी सार न मैं जाना जिथे यार समाया,मैं दीवानी यार दी होई अखा ओहदे नाल लाइया
कितना है पावन ये तीर्थ प्रयाग
कितना है पावन ये तीर्थ प्रयाग,जिसकी महिमा भाखानि न जाए,महा कुंभ लगे बारहा बरस में.पाप मिटा के यो मुक्ति दिलाये,कितना है
त्रिवेणी में भक्ति भाव से
त्रिवेणी में भक्ति भाव से आकर डुबकी लगाए यो,महा कुम्ब में पुण्य कमा कर भाव सागर तर जाये जो,सब तीर्थ राज चलो पाप अपने सभ
हे धरती माता तुझको नमन
हे धरती माता तुझको नमन यहाँ शिव शंकर के मंदिर है,जितना धन तेरे ऊपर है कई लाख तेरे गुना अंदर है,कही अन उत्पन कर के तूने ह
जन्म लियो जाने मरनो पडसी
जन्म लियो जाने मरणो पड़सी मौत नगारो सिर फूटे ओ,लाख उपाय करों मन कितना बिना रे भजन नहीं छूटेओजब राजा को आयो जुलनो प्राण प
जयति जयति जय माँ तमसा
जयति जयति जय माँ तमसा,कोई नही पावन तुमसा,लखन सिया संग वन जब आये प्रथम निशा जहां राम बिताये,वाल्मीकि दुर्वाषा डट कर किये
माटी में मिले माटी पानी में पानी
माटी में मिले माटी पानी में पानी,अरे अभिमानी अरे अभिमानी,पानी का बुलबला जैसा तेरी ज़िंदगानी,अरे अभिमानी अरे अभिमानी,बाई
ॐ सुखकंद से सच्चिदानन्द से याचना है
ॐ सुखकंद से सच्चिदानन्द से याचना है, श्रेय पथ पर चले कामना है. श्रेय पथ पर चले कामना है. कृत कर्मों की जब याद आती आँखे ह
वो बाप ही होता है
परिवार का बोझा जो , कंधो पे ढोता है ,कोई और नहीं प्यारे , वो बाप ही होता है,परिवार की खातिर वो , जब घर से निकलता है, पैर
तू रह सैयां दा होके इक दिन तर जाएगा
होक रह सैयां दा होक रह मस्त दा,तू रह सैयां दा तू रह मस्ता दा,तू रह सैयां दा होके इक दिन तर जाएगा,खाली नहीं तू रहना इक दि
मत इतराओ मन वनवारे के
मत इतराओ मन वनवारे के इक दिन सब मिट जाना है,आये जिस दिन प्रभु की पुकार हमे जग छोड़ के जाना है,मत इतराओ मन वनवारे के...ये
प्यासा हिरन जैसे ढूंढे है जल को
प्यासा हिरन जैसे ढूंढे है जल को,ऐसे प्रभु मैं तुझे ढूंढ रहा,ऐसे प्रभु मैं तुझको खोज रहा,प्यासा हिरन जैसे ढूंढे है जल को,
नाम रटन ना छोड
नाम रटन ना छोड रे मनवांनाम रटन ना छोड रे......नाम जपन ना छोड रे मनवांनाम जपन ना छोड रे......नाम रटन ना छोड रे मनवां....न
ओथे अमला दे होने ने
पढ़ी नमाज़ ते नियाज़ ना सिखया,तेरीयां किस कम्म पढ़ियां नमाज़ा,ना घर डिठा ना घर वाला डिठा,तेरीयां किस कम्म दित्तियाँ निया
तुर जावन इक वार ते मावा लभदियां नही
एडियाँ गुहद्दियाँ छावा जग ते लभदियाँ नही,तुर जावन इक वार ते मावा लभदियां नही,मेरी माँ मेरी माँ मेरी माँ मेरी माँ,मंदा मु
ना धन दौलत मांगू ना मांगू राज खजाना
ना धन दौलत मांगू ना मांगू राज खजाना,अमृत घुट पिला गंगा माँ चरणों में तेरी ठिकाना,ना धन दौलत मांगू ना मांगू राज खजाना,कुं
सत्संग वो गंगा है इस में जो नहाते है
सत्संग वो गंगा है इस में जो नहाते है,पापी से पापी भी पावन हो जाते है,ऋषियों ने मुनियो ने इसकी महिमा गाई.सत्संग ही जीवन ह
ले ले माँ की दुआए तेरे काम आएगी
माँ की दुआ कभी खाली नहीं जाती,और इसकी बात तो भगवान से भी टाली नहीं जाती,बर्तनों को मांजकर के चार बेटों को पाल लेती है मा
अपने माँ बाप का तू दिल ना दुखा
अपनी जन्नत को खुदा के लिए दोज़क न बना,अपने माँ बाप का तू दिल ना दुखा दिल ना दुखा,मेरे मालिक मेरे रामा मेरे मौला ने कहा,
भारत हमारा देखो कितना महान है
जय भारत जय भारत जय भारत,भारत हमारा देखो कितना महान है,है तिरंगा यहाँ अपनी पहचान है,भारत हमारा देखो कितना महान हैयह पावन
हंसा ये पिंजरा नहीं तेरा
हंसा ये पिंजरा नहीं तेरा,कंकर चुन चुन महल बनाया,लोग कहे घर मेरा,ना घर तेरा ना घर मेरा,चीड़ी आ रेन बसेरा,हंसा ये पिंजरा न
खैर झोली विच पुत्र दी पा दे
खैर झोली विच पुत्र दी पा दे तानिया तो जग दे बचा दे,मैं मंगदी नि मैल माड़ी आ,खैर झोली विच पुत्र दी पा देखाली झोली लेके पी
कभी अपनी माँ का तू दिल न दुखाना
माँ की दुआवों से ही चले ये ज़माना,कभी अपनी माँ का तू दिल न दुखाना,ये ममता का फ़र्ज़ है बेटे का फ़र्ज़ है तुझको पड़े गा च
गंगा जमुना के संगम पर
गंगा जमुना के संगम पर मेला लगा अपार है,लगा के डुबकी पाप काटता देखो यह संसार है,है पतित पावन गंगाजी जमुना की निर्मल धारा
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