
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
मजहब की दीवारों से ऊंचा उठ कर देखे,वो हर एक सेह में हर इक रूप में मुझको ही तू नजर आये,तेरा ही रूप नजर आये,आल्हा कहो या र
जब जब ये मन घबराये तुम प्राथना करो,जब राह नजर ना आये तुम प्राथना करो,चारो तरफ अँधियारा छाये गोरी उदासी मन फ़रयाये,अगर मु
गंगा यमुना सरस्वती के बहते अमृतधारे यहाँ आशनां किये या,संगम सब देवो संग होगा संगम घाट किनारे तू धयान किये या,लगा तीर्थ
कुंभ की महिमा जान ले,धूल जायेगे पाप तेरे,कुंभ की महिमा जान ले,कुंभ मेले में जो भी आया उसने जीवन अमृत पाया,कुंभ मेले में
यार दी दीवानी सरकार दी दीवानी,मैं कोजी मेरे काम भी कोजे करा नवाज न रखड़ी रोजे,मैं रंग मुरशद दे रंगी गई जींद यार दे रंग व
जीवे मस्ती बंदी मस्ता दी,जे मोरा मस्त लगोंदे ना,पूछना सी कइने नकोदर नू ये लड़ी साई आउंदे न जेहड़े दिन तो विच नकोदर मस्ता
जान कढ़ लई आ बेईमान जान वाली गल कर के,खबरे क्यों दर लगदा ना रह जावा दिल फड़ के,जान कढ़ लई आ बेईमानतेरे भाजो इक पल भी गुज
वे तू पतिया विच पहाड़ा विच इस दुनिया दियां बहारा विच,मैं लभदा तनु हर वेले फिर क्यों नजर नहीं आउंदा,मैनु सच दिखा दे वे रब
समय ही हसाये समय ही रुलाय,समय ने समय को ये क्या दिन दिखाए,समय रूठ जाए तो सब छूट जाए,समय ही हसाये समय ही रुलायये समय हर स
बहे सत्संग का दरिया,नहा लो जिस का जी चाहे,करो हिमत लगा डुबकी,नहा लो जितना जी चाहे,बहे सत्संग का दरियाहज़ारो रतन है इसमें
तु प्यार का सागर है, तेरी एक बूंद के प्यासे हम,लोटा जो दिया तूने चले जायेगे जहा से हम,घायल मन का पागलथी उड़ने को बेकरार,
विठल विठल विठल विठला,पांडू रंग विठला पंडीनाथ विठाला,विठल विठल विठल विठला,रंगला अभंग, उधळला भक्तिरंग,अंग अंग झाला पांडुरं
गंगा यमुना सरस्वती संगम की महिमा निराली,इनके तट पर लगा है कुंभ का मेला भारी,आया मेला कुंभ का आया सबको अमृत पिलाने आया,मा
ईगो इक नशा है इसे छोड़ कर देखो,जीवन को थोड़ा सा मोड़ कर देखो,ईगो की बजा से है सारे विबाद,ईगो की बजा से है ढंगे फसाद,ईगो
सांसो का क्या ठिकाना रुक जाए चलते चलते,प्राणो की रौशनी भी भुज जाए चलते चलते,जीवन है सपन जैसा दो दिन का है बसेरा,आये गई म
ज़रा बँसी बजा दो मनमोहन, हम आरती करने आए हैं llमेरे हाथ में अगर कपूर बाती , हम ज्योत जगाने आए हैं lज़रा दरस दिखा दो गजान
ये दुनिया बनाना और बनाके फिर चलाना बस उसी का काम है,बड़ा जबरदस्त उनका इंतजाम है,रात को ही रात पड़े प्रभात को प्रभत श्याम
मैं खुश किस्मत हु कितना माँ बाप है मेरे साथ,सिर पर मेरे है सदा मात पिता का हाथ,मैं खुश किस्मत हु कितना माँ बाप है मेरे
आज रविवार है सुरये देव का वार है,इन से जग उजयार है,नव ग्रहो में शक्तिशाली महिमा अप्रम पार है,नव ग्रहो में सूर्ये देव ही
है अभी वक़्त कर याद भगवान को,तेरा बिगड़ा मुकदर सवर जायेगा,काम आयेगी तेरी वो परलोक में,जो भी भेटी तू दुनिया में कर जायेगा
अब तक तो जीय तो खुद के परिवार के लिये,अब जीना सीखो ओरो के उपकार के लिए,तू बहुत कमा कर लाया,है ग्रस्ति धर्म निभाया,दूजे क
मेरी उलझन ना सुलझीमैं द्वारे तिहारे आया।विपदाऐं खुद बोई हमनेकाँटों में फूल न पाया।सुलझाने को हर उलझनतन साथ लिए आया अपनेप
हरे राम, राम राम, हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे ह
आखण तती हवा ना लगे मै लाल तो सदके जाँवा माँवा ठण्डीयाँ छाँवा सदा भला बचिया दा चाहवे दुःख सेह के ओ सुख पोहनचावे,दिगड़े ते
गुड़िया तेरे आँगन की,छोड़ चली मैं बाबुल का घर होकर अपने साजन की,गुड़िया तेरे आँगन की,मत रो माता क्यों रोती है बेटी पराया
सुख चैन दो सब को वला,गम हो न किसी के संग न,वंदना है वंदना तेरे चरणों में प्रभु,अपने जनहो आगयाकारी खुद करे सेवा माँ बाप क
अति कभी ना करना प्यार है इति तेरी हो जाएगी ।बिन पंखों के पंछी जैसे गति तेरी हो जाए ॥अतिसुंदर की सीता मैया जिसके कारण हरण
जोगियां जोगियां रे हे मेरे जोगिया,यु न बड़ा दूरिया,भक्ता के तू नजदीकियां रे,हे विद्याता मेरे तुम हो दाता मेरे,हु सहारे त
भइयाँ भी तू है मेरा बाबुल भी तू ही दोनों रिश्तो की लाज निभाना,घर से विदा कर के दिल से तुम अपने मुझको कभी न भुलाना,सोने क
आया दीपावली तोहार के दीपक जलाओ रे,पहले मंदिर में दीप धरे गे,लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करे गे,देंगे इक दूजे को उपहार के दीप