Hanuman Chalisa
Tune into Devotional Melodies
Contemporary Devotional Music: A Harmony of Praise and Devotion
ये घोडे वाले बाबा का दरबार है
ये घोड़े वाले बाबा का दरबार है, लो मांग लो जिसको दरकार है,चाहे ले लो हीरे मोती चाहे चांदी सोना,भर देंगे वह धन से तेरे घर
हे योगेश्वर हे परमेश्वर
हे योगेश्वर हे परमेश्वर,ऐसी कृपा प्रभु हम सब पर कर,सत्य मार्ग के बनकर साधक,बढ़ते रहें सदा कर्तव्य पथ पर,हे योगेश्वर हे .
मुसाफिर जागते रहना
मुसाफिर जागते रहना नगर में चोर आते हैं,संभालो माल अपने को बांधकर धर सिरहाने में, जरा सी नींद गफलत में झपट गठरी उठाते हैं
जग कल्याण न होता,
यदि त्रेता में राम न होते, दवापर घनश्याम न होते, यदि चारो धाम न होते तो जग कल्याण न होता,यदि राम सिया का वन दमन न होता,त
नींदरीआ तोहे बेच आउ
नींदरीआ तोहे बेच आउ जो कोई लेले मोल जो कोई लेले मोल बहना गिरवी रख ले तोलगौरा कहेन लगी शिव जी से कथा सुनादो मोअ शंकर जी
दोस्तो इस जमाने को क्या हो गया
दोस्तो इस जमाने को क्या हो गया,जिसको चाहा वही बेवफा हो गया,आप ही ने बनाई यह हालत मेरी,आप ही पुछते हो यह क्या हो गया,दोस्
न मैं धाम धरती न धन चाहता हु
न धाम धरती न धन चाहता हु ,किरपा का तेरी एक कण चाहता हु,जपे नाम तेरा सदा एसा दिल हो,सुने कीर्ति तेरी वोह शरवन चाहता हु,वि
उठ परदेशी तेरा वक़्त हो गया
अभी तो जगाया था तू अभी सो गया,उठ परदेशी तेरा वक़्त हो गया,हम परदेशियो की यही है निशानी,आये और चले गये ख़त्म कहानी,कोई आय
ज़िन्दगी का सफर करने वाले
ज़िन्दगी का सफ़र करने वाले अपने मन का दीया तो जला ले,रात लम्बी है गहरा अँधेरा,कौन जाने कहा हो सवेरे,तू है अनजान मंजिल का
भज ले प्राणी रे अज्ञानी
भज ले प्राणी रे अज्ञानी दो दिन की जिंदगानी,रे कहाँ तू भटक रहा है यहाँ क्यों भटक रहा है,झूठी काया झूठी माया चक्कर में क्य
निवाँ होके चले बन्दैया
निवाँ होके चले बन्दैया नही जिंदगी दा कोई बसा,निवाँ होके चल बन्दैया, सदा निवियाँ नू रब मिलदा, निवाँ होके चल बन्दैया...माय
आरती अति पावन पुराण की
आरती अतिपावन पुराण की,धर्म भक्ति विज्ञान खान की,महापुराण भागवत निर्मल,शुक-मुख-विगलित निगम-कल्प-फल,परमानन्द-सुधा रसमय फल,
बिन भजन के जगत में
बिन भजन के जगत में तू प्राणी,मोक्ष पाने के काबिल नहीं है,क्या यही मुख तू लेकर के जाए,मुँह दिखने के काबिल नहीं है,जो जो व
अनमोल तेरा जीवन यूँही गँवा रहा है
अनमोल तेरा जीवन यूँही गँवा रहा हैकिस और तेरी मंजिल,किस और जा रहा हैअनमोल तेरा जीवन यूँही गँवा रहा हैसपनो की नीद में ही,य
मेरे दाता के दरबार में
मेरे दाता के दरबार में,सब लोगो का खाता,जो कोई जैसी करनी करता,वैसा ही फल पाता,क्या साधू क्या संत गृहस्थी,क्या राजा क्या र
हम सब मिलके आये दाता तेरे दरबार
हम सब मिलकर आये दाता तेरे दरबार,भरदे झोली सबकी, तेरे पूर्ण भंडार,लेकर दिल मे फरियाद,करते हम तुमको याद,जब हो मुश्किल की घ
जगत में होनहार बलवान
जगत में होनहार बलवान इसे कोई ना समझो झूठी,इसे कोई ना समझो झूठी......होनी को परताप कैकई मेहलन में रूठी,राम गए वनवास अरे ह
आते है नये दौर पुराने नही आते
जो बीत गया वह पल दुबारा नही आते,आते है नये दौर पुराने नही आते,लकड़ी के मकानो मे चिरागे ना चलाया करो,लग जायेगी गर आग बुझा
बूटा तुलसी दा वेहड़े विच
बूटा तुलसी दा वेहड़े विच लाई रखदी बूटा तुलसी दा,मैं ते पलका दी सेज विचाई रखदी बूटा तुलसी दाबूटा तुलसी दा वेहड़े विच...
रही जिन्दगी तो मिलेगे दौंबारा
रही जिन्दगी तो मिलेगे दौंबारा,मिलन रात भर का हमारा तुम्हारा,मात पिता और भाई वहन,सत्संग मे तुम आते रहना, यही तुमसे है जग
मत दे बीरा माता को दोष
मत दे रे बीरा माता को दोषकरमा की रेखा न्यारी न्यारी रे,एक माई के बेटा चार,चारो की रेखा न्यारी न्यारी रे,एक तो बण्यो रे थ
सफ़र कितना भी मुस्किल हो
सफ़र कितना भी मुस्किल हो प्रभु आसान कर देंगे,जो तुझसे हो ना पाएगा, जो तुझसे हो ना पाएगा,उसे भगवान कर देंगे,सफ़र कितना भी
पा के सुंदर बदन कर प्रभु
पा के सुंदर बदन कर प्रभु का भजन,जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं,जो भी आया यहां उसको जाना पड़े,दुनिया फानी का कोई भरोसा नहीं,ब
कलयुग ऐ कैसी उलटी गंगा भहा रहा है
कलयुग ऐ कैसी उलटी गंगा भहा रहा है,माता पिता को श्रवण ठोकर लगा रहा है,कलयुग ऐ कैसी उलटी......... त्रेता में एक ही रावण जि
धुपां दा नहीं डर मैंनु , छावां मेरे नाल ने
धुपां दा नहीं डर मैंनु , छावां मेरे नाल ने ॥लोको मेरी माँ दिया, दुआवां मेरे नाल ने ॥शिखर दुपहरे जदो याद माँ दी आंदी ऐ॥लग
एक डोली चली एक अर्थी चली
एक डोली चली एक अर्थी चली,डोली अर्थी से कुछ युँ कहने लगी, रस्ता तूने मेरा क्यों ये खोटा किया ,सामने से चली जा तूँ ओ दिल ज
हे री कोई आया हे जगत मे
हे री कोई आया हे जगत मे. आतम ग्यान कराने वाला। आतम ग्यान करने वाला . रविदास कहाने वाला॥ नहाने के बहाने मै तो. गंगा
अगर तू जो माँ ना होती
अगर तू जो माँ ना होतीतो मुझमे ये जान न होती,ना होता ये संसार मेरा,ना होता ये परिवार मेरा,ना मिलता प्यार तेरा,तेरे प्यार
क्या लेकर तू आया जग में
क्या लेकर तू आया जग में,क्या लेकर तू जाएगा ॥क्या लेकर तू आया जग में,क्या लेकर तू जाएगा,सोच समझ ले रे मन मूरख,आख़िर मे पछ
साडू मां का जाया
साडू मां का जाया,भक्ता के मनडे भाया,मालासेरी डूंगरी सु,देव देमली आया,सखिया मंगल गाया,फूला सा देव मन भाया॥ मालासेरी .....