
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
मुझको रुलाने वाले मेरे मन,ठोकर खिलने वाले मेरे मन,दर दर डुलाने वाले मेरे मन,प्रभु को भुलाने वाले मेरे मन,दूर ना जईओ कहीं
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा,जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा।यह जीवन समर्पित चरण में तुम्हारे, तुम्ही मेरे सर्वस तुम्
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे तारोगेकैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी कैसे तारोगेमैली चारद मैली झील, कहो ना कैसे ता
दुनिया ना भाए मोहे अब तो बुला लेचरणों में चरणों में तेरे चरणों में चरणों मेंमेरे गीत मेरे संग सहारे,कोई ना मेरा संसार मे
चली जा रही है उम्र धीरे धीरे,पल पल आठों पहर धीरे धीरे।बचपन भी जाए, जवान भी जाए,बुढापा का होगा असर धीरे धीरे॥तेरे हाथ पाव
भगवान् तुझे मैं ख़त लिखता पर तेरा पता मालूम नहीं।रो रो लिखता जग की विपदा, पर तेरा पता मालूम नहीं॥तुझे बुरा लगे जा भला लग
मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में,तू जरा हिम्मत तो कर।खवाब बदलेंगे हकीकत में,तू ज़रा कोशिश तो कर॥आंधियां सदा चलती नहीं,मुश्
अमर आत्मा सच्चिदानद मैं हूँ,शिवोहं शिवोहं शिवोहं शिवोहं।अखिल विश्व का जो परमात्मा है,सभी प्राणियो का वो ही आत्मा है,वही
किस विधि करे बखान प्रभु, तेरे कोटि कोटि उपकार।कल तक थी खाली झोली, और आज भरे भण्डार।अजब तेरी कारीगरी रे करतार,समझ ना आए म
आया शरण ठोकरें जग की खा के,हटूंगा प्रभु तेरी दया दृष्टि पाके।पहले मगन हो सुखी नींद सोया,सब कुछ पाने का सपना संजोया।मिला
आज के इस इंसान को यह क्या हो गयाइसका पुराना प्यार कहाँ पर खो गयाकैसी यह मनहूस घडी है, भाईओं में जंग छिड़ी हैकहीं पे खून
आ रे बीरा पैदा एक शरीर के किस्मत न्यारी न्यारी रे - 21. आ रे बीरा तू तो खेलन जावे से मैं तो गोबर गेरू दिन रात के किस्मत
सुनो रे भाई, प्रभु के भरोसे गाडी,हरी के भरोसे हांको गाडी।ना जाए कब टूट पड़े,माथे पे काल कुल्हाड़ी॥पञ्च तत्व से बनी यह को
राज़ी प्रभु दी राजा दे विच रहिए,नज़ारा लईए ओहदी मौज दा।ओहदी मार वी प्यार नाल सहिए,नज़ारा लईए ओहदी मौज दा॥जे ओह देवे कंडे
नीले आकाश पे रहने वाले, अपनी छाया में हमको छिपा ले,हम खिलोनों के बस में ही क्या है, जैसे मर्जी है तेरी नाचाले।सुख पे झपट
दोहा: जो भी चाहे मांग ले, भगवान् के भण्डार से, कोई भी जाए ना खाली हाथ इस दरबार से।जगत का रखवाला भगवान्,अरे इंसान उसे पहच
प्रभु का नाम जपो मन मेरे,दूर करे वोही संकट तेरे।जीवन रैन बसेरा है,क्या तेरा क्या मेरा है।दो नैनो से नीर बहे रे,दूर करे व
नाम हरी का जप ले बन्दे,फिर पीछे पछतायेगा ।तू कहता है मेरी काया,काया का घुमान क्या ।चाँद सा सुन्दर यह तन तेरे,मिटटी में म
जप ले हरी का नाम, मेरे मन,काहे भूलो हरी का धाम ।काम ना आएगी झूठी माया,ना तेरा मंदिर, ना तेरी काया।आएगी तेरे जीवन की श्या
बूटी हरि के नाम की सबको पिलाके पी ।चितवन को चित के चोर से चित को चुराके पी ॥ अंतरापीने की तमन्ना है तो खुद मिटा
घट घट में राम समाना,कण कण मेँ राम समाना |टेर||धरणी से लेकर असमाना,नदी निर्झर पर्वत पाषाणा ||1||झोपडपटी महल मकाना,मंदिर म
मन के साधे सब सध जाये,मुक्ति, मोक्ष,स्वर्ग मिल जाये.निर्मल मन तो काया निर्मल,दाग ना मन तू लगा..मन रे अवगुण दूर भगा.मन कि
फुलवारी कोई उजड़े तो माली सींच सजाए ! जब माली ही बाग उजाड़े तो कौन सजाए !!दुनियां में सबसे पावन भाई भाई का नाता ! जिस मा
जरे जरे में हैं झांकी भगवान की,किसी सूझ वाली आँख ने पहचान की ।नामदेव ने पकाई, रोटी कुत्ते ने उठाई,पीछे घी का कटोरा लिए ज
अपने चरणों की भक्ति भगवान् मुझे दे दो ।मैं भुला हुआ राही, नहीं कोई सहारा है ।मझदार में हैं कश्ती, और दूर किनारा है ।मुझे
मन में खोट भरी और मुख में हरी,फिर मंदिर में जाने से क्या फ़ायदा ।मैल मन का धोया, बदन धो लिया,फिर गंगा नहाने से क्या फ़ाय
मोको कहाँ ढूंढें बन्दे,मैं तो तेरे पास में ।ना तीरथ में ना मूरत में, ना एकांत निवास में ।ना मंदिर में, ना मस्जिद में, ना
तुने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का ।कान दिए हरी भजन सुनन को ।तू मुख से कर गुणगान ॥जीभा दी हरी भजन करन को ।दी आँखे कर पहचा
कोई लाख करे चतुराई, कर्म का लेख मिटे ना रे भाई ।ज़रा समझो इसकी सच्चाई रे, कर्म का लेख मिटे ना रे भाई ॥इस दुनिया में भाग्
दूसरो का दुखड़ा दूर करने वाले, तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।किये जा तू जग में भलाई का काम, तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।पोंछ ल