Hanuman Chalisa
Tune into Devotional Melodies
Contemporary Devotional Music: A Harmony of Praise and Devotion
किणु संग खेलूं होली
किणु संग खेलूं होली, पिया तज गए हैं अकेलीमाणिक मोती सब हम छोड़े, गल में पहनी सेलीभोजन भवन बलो नहीं लागे, पिया कारण भई रे
करम की गति न्यारी न्यारी संतो
करम की गति न्यारी न्यारी, संतो।बड़े बड़े नयन दिए मिरगन को,बन बन फिरत उधारी॥उज्वल वरन दीन्ही बगलन को,कोयल लार दीन्ही कारी
कन्हीया तेरी मुरली बैरन भई
मुरली बैरन भई,हो कन्हीया तेरी मुरली बैरन भई |बावरी मै बन गयी,कन्हीया तेरी मुरली बैरन भई ||वृन्दावन की कुंज गली मे राधा ग
मन मोहना बड़े झूठे हार के हार नहीं माने
मन मोहना बड़े झूठे,हार के हार नहीं माने |बन के खिलाडी पिया,निकले अनाड़ी |मोसे बईमानी की,मुझ से ही रूठे ||तुम्हारी यह बंस
वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ पराई जाने रे
वैष्णव जन तो तेने कहिये जे, पीड़ पराई जाने रे |पर दुख्खे उपकार करे तोये, मन अभिमान न आने रे ||सकल लोक मान सहने वन्दे, नि
बनवारी रे जीने का सहारा तेरा नाम रे
बनवारी रे, जीने का सहारा तेरा नाम रे मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे झूठी दुनिया, झूठे बंधन, झूठी है ये माया |झूठा साँस
अमृत की बरसे बदरिया
अमृत की बरसे बदरिया==================अमृत की, बरसे बदरिया, अम्बे, माँ की दुअरिया lअमृत की, बरसे बदरिया, ओए मेरी, माँ की
जय माता दी (धुनी माँ के नाम की)
जय माता दी-धुन ==============जयकारा,,, शेराँ वाली का,,,बोलो सच्चे दरबार की जय lजयकारा,,, मेहराँ वाली का,,,बोलो सच्चे दरब
बानर बांको रे लंका नगरी में
बानर बांको रे, लंका नगरी में,मच गयो हाको रे, बानर बांको रे,बानर बांको रे, लंका नगरी में,मच गयो हाको रे, बानर बांको रे ..
बाबा ऐसा मन्त्र मार दे
|| ॐ श्री श्याम देवाय नमः,ॐ श्री श्याम देवाय नमः ||श्री श्याम जय श्याम,जय जय शाम,बाबा ऐसा मन्त्र मार दे,ओ बाबा ऐसा मन्त्
तरस रही हैं तेरे दरस को कबसे मेरी नजरिया
तरस रही है तेरे दरस को,कबसे मेरी नजरिया माँ,कबसे मेरी नजरिया,ओ शेरावाली ओ जोतावाली,अब तो ले ले खबरिया,तरस रही हैं तेरे द
मन की गति पछाड़ चले
( याद आ गया जब भुलापन,तो गरजे पवन कुमार,सीता माँ का पता लगाने,चले है सागर पार || )मन की गति पछाड़ चले,बादलों को फाड़ चले
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे
चाहे छुट जाये ज़माना,या मालो -जर छूटे,ये महल और अटारी,या मेरा घर छूटे,पर कहता है ये लख्खा,ऐ मेरी माता,सब जगत छूटे,पर तेर
ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले
झूठी दुनिया से मन को हटाले,ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले,नसीबा तेरा जाग जाएगा,नसीबा तेरा जाग जाएगा.....सच्चा है दरबार
अंजनी का लाला गुण थारा गावा जी
अंजनी का लाला गुण थारा गावा जी,बेगा पधारो थाने ध्यावा जी,अंजनी का लाला गुण थारा गावा जी.....लाल वरण थारो लाल लंगोटो,थारे
एक दिन बोले प्रभु हनुमत से
एक दिन बोले प्रभु हनुमत से,मैं मन की प्यास बुझाउँगा,लंका विजय के बाद,एक दिन श्री राम के मन में ये आई,वो हनुमान जी से कहन
अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला
तर्ज – यारा ओ यारा मिलना हमाराअंजनी का लाला ओ बजरंग बाला,कोई ना तुमसा बलि,सुमिरन करे जो, ध्यान धरे जो,करता तू उसकी भली,ह
सर को झुकालो शेरावाली को मनालो
तर्ज – अपनी प्रेम कहानियाँसर को झुकालो,शेरावाली को मनालो,चलो दर्शन पालो चल के,करती मेहरबानीयाँ माँ,करती मेहरबानीयाँ.....
तेरे दर पे सर झुकाया तुझे दुःख में हम पुकारे
( बड़ी किस्मत वाला है वो,झुकाता सर जो माँ के दर पे,बड़ी किस्मत वाला वो सर है,है माँ का हाथ जिस सर पे,बड़ा अच्छा हुआ होता
जयति जयति जय काशी वाले
काशीवाले देवघर वाले भोले डमरू धारीकाशीवाले देवघर वाले भोले डमरू धारी,खेल तेरे है नाथ निराले शिवशंकर त्रिपुरारी......जयति
ख़ाली कदे ना मोड़े आया जो सवाली
ख़ाली कदे ना मोड़े आया जो सवाली,मेरी चिंतापूर्णी माँ, बिगड़ी बनाऊंन वाली,ख़ाली कदे ना मोड़े...... मुक्क जान कष्ट सारे, म
शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है
शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है,ओ भोले तेरे द्वारे आ पड़े है,शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है..
म्हारो श्याम बसे खाटु माहि सालासर में बजरंगी
( रंग रंगीले राजस्थान में,देखे अजब नज़ारे,कण कण में यहाँ आन बसे है,इस धरती पर देव हमारे,अपनी अपनी शोभा सबकी,अपनी अपनी मह
तुम्हे हर घड़ी माँ प्यार करेगी
तर्ज – तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगीतुम्हे हर घड़ी माँ प्यार करेगी,जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो,झुलाएगी पलकों के झू
बिगड़ी तेरी बनाएगा नाम गणपति का
बिगड़ी तेरी बनाएगा,नाम गणपति का,संकट सभी मिटाएगा,नाम गणपति का,बिगड़ी बनाएगा,संकट मिटाएगा,कष्ट ना कभी तू पायेगा,जो मन से
जब से देखा तुम्हे जाने क्या हो गया
तर्ज – एक तू जो मिला( सुना था मेरा दिल,अब तेरा धाम हो गया है,दुःख दर्द भरी दुनिया थी मेरी,पर अब आराम हो गया है,सब काम कि
माँ तू ही तू
माँ तू ही तू माये तू ही तू,माँ तू ही तू माये तू ही तू......जदो अंबर दी कोई निशानी ना सी,ते हवा विच कीते री रवानी ना सी,क
बिना लक्ष्मण के है जग सूना सूना
( मूर्छित हुए जब लखनलाल रण में,लगी चोट रघुवर के तब ऐसी मन में,रोके सुग्रीव से बोले जाओ,अभी बंद फ़ौरन लड़ाई कराओ॥ )बिना ल
ओ डमरू वाले जीवन है तेरे हवाले
ओ डमरू वाले,जीवन है तेरे हवाले,मैं पापी हो जाऊँ पावन,चरणों में जो बिठा ले,ओ डमरू वाले,जीवन है तेरे हवाले......दुनिया का
हे मारुती सारी राम कथा का सार तुम्हारी आँखों में
हे मारुती सारी राम कथा का,सार तुम्हारी आँखों में,हे मारुती सारी राम कथा का,सार तुम्हारी आँखों में,दुनिया भर की भक्ति का,