
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
दिखलाये ये जोर बदलियां कितना बरस ती है,मेरे सिर पे झुँझन वाली चुनरियाँ डालके रखती है,दिखलाये ये जोर बदलियां कितना बरस ती
आज तुम्हरा उस्तव मियां खूब सजा शृंगार है,आओ दादी भोग लगाओ छपन भोग तयारी है.बर्फी पैदा और कलाकंद लड्डू मोती चूर है,दिल्ली
जठे बैठी सती रानी श्यानी झुंझुनू धिराणी दानी गगन धारा में तो नगाड़ा बाजेदेवरो सती को म्हाने प्यारो लागेबैठी माता देवरे म
बिरमित्रा पूरी है उत्क्ल का गांव गांव में ये दादी रहती है अटल सिंगासन बैठी मियां शोभा न्यारी है,चटक चुनरी लाल सुरंगी मेह
दादी थारे मंदिरियो चाकर रख लो ,चाकर नहीं तो दवारपाल रख लियो,कभी नागा न मारु मैं रोज काम को आउ गोजो देवा गो बदले में मैं
सर्ब सुहागन मिल मंदिर में आई,दादी जी के हाथ रचाई जी या मेहँदी ,सोने की झारी में गंगा जल लाइ,कंचन थाल घुलाई जी या मेहँदी
झुँझन वाली का लाड लड़ावन आया हां,मुकलावा दादी जी थारो मैं भी लाया हा,जयपुर की मैं चुनड़ी लाया मुंबई की मैं मुंदरी लायो,र
जब तक हो दादी जीवन मेरा,छूटे कभी ना ये ढाढण तेरा,तेरी सेवा में रहे अर्पण तन मन मेरा,जब तक हो दादी जीवन मेरा,इतनी किरपा क
मेरे घर में रोज दिवाली है,क्यों की मेरी कुल की देवी ये मैया ढांढनवाली है,मेरे घर में रोज दिवाली है,ये छपड फाड़ के देती ह
रोवे क्यों भगत तू हॉवे क्यों अधीर,दादी से केह दे तेरी मन रे प्रीत ,दुःख देने वाली दुनिया दुःख के मिटा सी,तेरा आँसू पोहचन
कलयुग में दादी सब की निगहेबान रहेगी,हर भगत पे हर वक़्त मेहरबान रहेगी,जो भगत मेरी मैया का गुण गान करेगा,उस भक्त का जीवन स
केवल दादी है मंडल में ये हम सब की है भूल,तन धन नारायण का संगम है ये तिरसुल,जरा याद करो वो पल,जब दादी सती हुई,तन धन के चल
किसको सुनाऊ फर्याद मैं कैसे आउ झुंझनू,मेरा जीवन सुधार मैया सुन ले पुकार,सुना सुना संसार बहे अनसुइयो की धार,मियां मुझको स
अखारी समय में हम करीब हो न हो,झुंझनू की मिटटी नसीब हो न हो,जब तक मावड़ी ये सास रहेगी,थोड़ी सी मिटी मेरे पास रहेगी,क्या प
जी लूँगा मैं संसार के बिना,कैसे जीउ गा माँ तेरे प्यार के बिना ,जी लूँगा मैं संसार के बिना,होश संभाला जबसे मैं तेरा नाम प
करे न जब तुझपे दवा दुआ कोई काम किसी भी झाड़े से नहीं मिले आराम दादी से कहना तेरी तकलीफ मिटा देगीअपनी चुनरी तेरे सर पर लह
दादी जी म्हारे घरा पधारी तन धन जी भी साथ है,म्हारे घर में सेठानी को आज मंगल पाठ है,लाल चुनड़ी लाओ जी मैया ने ोहडाओं जी,त
तीजया के सिंधारे में मैं दादी ने बुलावांगा,मैया जी का रल मिल के लाड लड़ावा गा पहलया तो चन्दन सो मह चौक पुरासाया जी,आंगन
दादी थारो मुखडो चाँद को टुकड़ो जाको कोई न जवाब रे,आंख्या काजल कारो लागे घणो प्यारो थारो रूप लाजवाब रे,लूँ राई वारा नजर उ
लेकर चुंनड़ी हाथां म तेरा सेवक नाचे रे,जगत सेठानी का जगत में डंका भाजे रे,लेकर चुंनड़ी हाथां म तेरा सेवक नाचे रेम्हारा द
ओड चुनरियाँ लाल बैठी है दादी सझधज के,देखलो दादी को दरबार बैठी है दादी सझधज के बिंदियां को रंग लाल तिहारो आखियाँ को काजल
गजानन आओ पधारो म्हारे आंगणे ,आंगणे...आंगणे...आंगणे,म्हारी दादी जी को लाग्यो है दरबार गजाननआओ पधारो म्हारे आंगणे ,थे आज्य
दादी इतनो सो कर दो बेटी के सिर पे,थे हाथ जरा धर दयोसेवा में ले लीजो मने एसो ही घर दयो,जीवे मंदिर हो थारो एसो हो दर दयो,थ
कैसी लागि चुनड़ी माँ बोलो तो सही,लाया थारा टाबरियां माँ ओड़ो तो सही,मनडे राता रा चिपाया भावना रा घोटो,हलकी भारी मत न देख
सब से पहले हाथ जोड़ कर मैया तुम्हे मनाताजय हो पहाड़ी माता जय हो पहाड़ी माता,पूर्व जन्म के संस्कार से मिला है धाम तुम्हरा
एक बार माँ आजाओ फिर आके चली जाना,हमे दर्श दिखा जाओ दिखला के चली जाना तुम को मेरे गीतों का संगीत भुलाये माँ,कुछ मेरी भी स
हम हाथ उठा कर कहते है हम हो गए झुँझन वाली के,तेरे चलते शान और शौख़त है मेरा सब कुछ तेरी बदौलत है,हम शीश झुका कर कहते है,
दो दिन में कोण सा तेरा झुंझुन भागे से,सिंह पर चढ़ कर आजा कौन सा बाहड़ा लागे से,तने तो घर पर आना से कौन सा मुहरत करवाना स
आओ माँ आओ माँ भगतो के घर कभी आओ माँ,परिवार तुम्हारा है हमे तेरा ही सहारा है,आओ माँ आओ माँ भगतो के घर कभी आओ माँतेरे चरणो
रानी सती माँ झुंझन वाली सांचो तेरो धाम,जपु नारायणी तेरो नाम,श्रधा के भाव से माँ करे जो तेरा पूजन,वहा तू प्यार बहा दे यहा