
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
प्राणा से भी प्यारो दादी जी थारो धाम,थारे चरना माहि माहरा चारो तीर्थ धाम,पालनहारी दादी पार लगावे,टाबरिया ने अपने कालजे
सारी सतियो में मैया तू सरताज है,सभी देवी देवता करते तुझपे नाज है,तेरे हाथो में हम भगतो की लाज है,माँ लाज है माँ लाज है,स
जब जब घर में कोई संकट होता है,जब जब तेरा लाल कोई रोटा है,पल में मेरी दादी दौड़ी आई,लहर लहर लहराई माँ की चुनार लेहरी,दादी
दादी करवा दे महरा ठाठ मैं करवा सा मंगल पाठ,दिन में मंगल पाठ करा सा कीर्तन सारी रात,दादी करवा दे महरा ठाठ मैं करवा सा मंग
दुःख का जब बादल छावे कोई न धीर बंधावे,हिवड़े लगावे दादी चाव से माहने,आफत जब आवे माह में सब नजर मोड़े जी,झूठा दुनिया का र
झुंझनू से दादी महारी आये,भक्ता ने अखियां भर भर आये,थारो मिल के लाड लड़ावा माहरी प्यारी मावड़ी,झुंझनू से दादी महारी आये,च
चारो पल्ला सुआ मोर बीच में कोयल करती शोरसुन म्हारी …दादी ऐ ऐ ऐ ..दादी ऐ ऐ ऐ ..सुहाणी लागे थारी चुनड़ी…जोधपुर से ल्याया
थारे भोरसे बेठियो मैया कोई न भारो है,आसरो दादी थारो है आसरो म्हणे थारो है,नैया मेरी भटक गई है,थोड़ी थोड़ी चटक गई है,मझधा
मैया थारा टाबरिया थने याद करे,थारे से हे मइयां फर्याद करे,मैया थारा टाबरिया थने याद करे,भोला भला जान कर मत कीजियो विश्वा
बाधो का जब जब माँ मेला आता है,प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुन खींच लता है,आँखों में जब जब तेरा चेहरा आता है,प्रेम तुम्हारा हम
सज धज कर बैठ्या दादी जी,क्यों बेठ्या बेठ्या मुश्कावे,चलो नजर उतरा मैया की कही आज नजर न लग जावे,सज धज कर बैठ्या दादी जी..
म्हारी मावड़ी को आयो है सन्देश ले चालो माहने पीहर,महारी दादी जी को आयो है सन्देश ले चालो माहने पीहर है,महारो मन में चाहव
महरे कालजे पे राख के तू कान सुन ले,माहरे धड़कन से निकले तेरो नाम सुन ले,सूरत थारी मन में वसावा,दादी मैं तो थारा गुण गावा
सुनले भजन मेरे भले सुरताल हो न हो,किस को खरब कि कल तेरा ये लाल हो न हो,तेरी किरपा से ही मुझे दरबार ये मिला,मेरे नसीब से
माँ के रहते भगत कभी रो नहीं सकता,भक्त भुलाये माँ नहीं आये हो नहीं सकता,भगत तो जान है इसकी भगत में प्राण अटके है,भगत को य
धीरे धीरे अँखियाँ माँ खोल रही है,लगता है मईया कुछ बोल रही है,दुनिया के नज़ारे तो बेजान लगते ,सूरज चन्दा कौड़ी के समान लग
चंदा तेरी चांदनी मांगे हाथ पसार,माँ की चुनड़ी चमका दे और चमका दे शृंगार,चंदा तेरी चांदनी....मैया रानी ओड के बैठी चुनड़ी
दादी माँ दया करो मेरी फर्याद सुनो,दर पे भुला के दादी गम से आज़ाद करो ,हाथ मेरे सिर पर रख दो.रानी सती दादी करो दूर मेरे ग
मावड़ी पल में मान जाती है,सुन के पुकार आती हैहम बेखबर है माँ को खबर है,अपने भक्त पे माँ की नजर है,लाज ये भक्तो की बचाती
दादी इतनी किरपा करिये,दर ते आवता रवा,मैं तो थारे दरबार से मांगता रहा,थोड़ो थोड़ो देवो दादो बार बार आवेगा,दादी तने मीठा म
म्हारे कालजे पे राख के तू कान सुनले ,म्हारे धड़कन से निकले माँ तेरो नाम सुनले ,सूरत थारी मन में बसावां ,दादी म्हे तो थार
जान लिया मेरी माँ, कहा पर रहती हैं,हो सेवा गुणगान , वहां पर रहती हैं,मा कृपा से माँ की सेवा, बड़े भाग्य से मिलती हैं,ला
बड़ी प्यारी लगती हो जब मंगल होता है,बन्ड़ी सी लगती हो जब मंगल होता है,देख देख के तुझको दादी नाचे सारा जहा,जो मस्ती मंगल
करले भरोसा मेरी मात का तेरा पकड़े गी हाथ,पकड़े गी हाथ तेरा पकड़ेगी हाथ,दरिया भहे जिसके प्यार का तेरा पकड़ेगी हाथ,मन ये ब
तुम्हारी किरपा का हुआ है असर,मैं मौज उडाता हु आठों पेहर,तुम्हारी किरपा का हुआ है असर,नहीं छुपाउँगा अपनी ये दासता,तेरे ही
झुंझनू नगरी माहि माहरी दादी की कोठी,हो सारी दुनिया जान गई है ये सेठानी है मोटी,सेठानी मोटी या सेठानी मोटी,हो सारी दुनिया
संकट हरनी मंगल करनी करदो बेडा पार भरोसो भारी है,भारी है माँ भारी है तोरो भरोसो भारी है,जय जगदम्बे रानी सती माँ दुर्गा की
सिंह सवारी आ भगता मिल ज्योत जगाई,भगता मिल ज्योत जगाई चंग मजीरा भाजे आंगने,चम चम चम कातो मुखडो काना में कुण्डल हो,हिवड़ो
दादी के चरणों में गिरकर आसूँ मोती बन जाते,हो जाते बेकार अगर ये कही और बह जाते,दादी के चरणों में गिरकर आसूँ मोती बन जात
महिमा दरबार की क्या बखानू दादी,तेरे चरणों पे जाऊ बलिहारी दादी,महिमा दरबार की क्या बखानू दादी,लाखो आये दर पे तेरे दुखड़े