Hanuman Chalisa
Tune into Devotional Melodies
Contemporary Devotional Music: A Harmony of Praise and Devotion
प्रेम तुम्हरा मुझको झुँझन खींच लाता है
बहदो का जब जब माँ मेला आता है,प्रेम तुम्हरा मुझको झुँझन खींच लाता है,आँखों में जब तेरा चेहरा आता है,प्रेम तुम्हरा मुझको
दादी दादी बोल दादी
दादी दादी बोल दादी सुन ले सी,हाथ में जो भी काम हो पर मुख में दादी नाम हो,दादी दादी बोल....दादी नाम की महिमा है अपार,जो ल
रानी सती आज मेरे घर आई
रानी सती आज मेरे घर आई घर आई माँ घर आई,मुझपे तरश ये खा गई और मेरा मान बड़ा गई,रानी सती आज मेरे घर आई ....सुन ली मेरी दाद
करुणा बरसती जहां सुबहो शाम
चलो रे भक्तों तुम दादी के द्वार दादी ने दर पे बुलाया है,जय भवानी भवानी जय भवानी जय अंबे...।करुणा बरसती जहां सुबहो शाम दा
सिंह पे भवानी देखो चढ़ आई
सिंह पे भवानी देखो चढ़ आई रानी सती दादी मेरे घर आई,झुंझुन वाली मैया मेरे घर आई,मैया ओढ़ चुनार प्यारी प्यारी अपने भक्तो क
दादी आज आपका हाल जानने आये है
अखिया न चुराओ दादी मांगने ना आये है,हम तो दादी आज आपका हाल जानने आये है,बोलो बोलो मावड़ी आप कैसे हो,इतना काम करोगे तो दा
द दे ना वरदान
दे दे ना वरदान जो भी तेरा मंगल गायेंगे,वो खाली कभी ना जायेंगे,तेरे मंगल की महिमा इतनी बड़ी है मां,जो सुनता सुनाता है,ते
जब जब हम दादी जी का मंगल पाठ करते है,
जब जब हम दादी जी का मंगल पाठ करते है,ऐसा लगता है माँ से दिल की बात करते है,जब जब हम दादी जी का मंगल पाठ करते है,ये मंगल
तेरे सिर पे बिंदिया चमके
तेरे सिर पे बिंदिया चमके तेरा पिंडी रूप माँ दमके,गागरा गुमर दार है चुनरियाँ ओढ़के बैठी मैया हो रही जय जय कार है,लाल जवाब
भक्तो के संग पैदल जाना
भक्तो के संग पैदल पैदल जाना से,मैया के मंदिर में निशान चढ़ाना से,भक्तो के संग में मिलकर धूम मचाना से,मैया के मंदिर में न
महसर जाके मैया मेरी मौज हो गई
महसर जाके मैया मेरी मौज हो गई,होली और दिवाली मेरी रोज हो गई,तेरे नाम का डीप जलाया बिन मांगे मैंने सब कुछ पाया,तुझको पाके
हाथो में लेके निशान चले है
जय हो महासर धाम की,जय हो माँ के नाम की,लो आ गया मेला तेरा सब नाचते छम छम,हाथो में लेके निशान चले है,हम तो अपनी मैया के ग
महसर वाली मैया लगे है
महसर वाली मैया लगे है मुझको जान से प्यारी,अपनी कुल देवी पर जाओ वारी वारी,कलयुग में आया मैया का ज़माना सारा जग बन गया मैय
जिस घर में दादी का मंगल
जिस घर में दादी का मंगल,उस घर में केवल मंगल ही मंगल होता है,गीता रामायण जैसा ये मंगल ,मंगल से होते सारे दूर अमंगल,मंगल म
आज थारे भगता ने मैया
आज थारे भगता ने मैया नानातो भर भर के झोली हाथा से बांटो,सारो जग भोले तने दादी तू ही सेठानी है तू ही महारानी है तू ही राज
हाथ उठा लियो जिन्हे जिन्हे लेने की दरकार
पर्चो बाँटे दादी बैठी बैठी झुंरु के दरबार,हाथ उठा लियो जिहने जिहने लेने की दरकार,दादी जी की सबपे नजर है,अपने भगत ककी रखे
देख कर शिंगार दादी का
देख कर शिंगार दादी मैं ठगा सा रह गया,मैं ठगा सा रह गया॥सो सका न रात भर मैं ठगा सा रह गया,हाथो में मेहँदी रची है पावो में
तेरा मंगल हॉवे
मंगल पाठ करो दादी का दादी जी खुश हॉवे तेरा मंगल हॉवे,जीवन भर तू मौज उडावे खोटी तान के सोवे,तेरा मंगल हॉवे.....पाटे पे दा
मोटी सेठानी मैंने भी बनादे छोटी सेठानी
मोटी सेठानी मनने भी बना दे छोटी सेठानी मोटी सेठानी,आये तेरे दवार भी बना दे छोटी सेठानी मोटी सेठानी,तेरे भरोसे गली गली मे
गली गली तेरी लौ जली जै जै हो झुंझनवाली
गली गली तेरी लोह जली ,जय जय हो झुन्झंवाली ,प्राणों से प्यारा हमको है दादी नाम ,सब गायेंगे , दोहराएंगे , रानी सती का जैका
चाकर नही तो दवारपाल रख लो
दादी थारे मंदीरिया को चाकर रख लो,चाकर नही तो दवारपाल रख लो,कभी ना नागा मरू गा रोज काम पे आऊगोजो देगो बदले में सिर माथे ल
देना हो तो झुन्झ्नुवाली दे इतना वरदान
देना हो तो झुंझनवाली दे इतना वरदान,अंत समय मेरी जुबां से निकले तेरा नाम,नमो नारायणी... नमो नारायणी...खो जाऊं जब पंच तत्त
नज़दीक मेरे आने से आफ़त घबराती है
नज़दीक मेरे आने से आफ़त घबराती है,मेरे सर पे झुंझनवाली की चुनड़ी लहराती है, नज़दीक मेरे आने से आफ़त घबराती है,मेरे सर पे
अब भज दादी दादी दादी यहीं काम आवेंगी
अब भज दादी अब भज दादी दादी दादी यहीं काम आवेंगीकाम आवेंगी की भव से पार लगावेंगीअब भज दादीजय हो अब भज दादी दादी दादी यही
दुनिया की बातो पर न ध्यान दिया कीजे
दुनिया की बातो पर न ध्यान दिया कीजेदादी को सुमिर करके हर काम किया कीजेदादी के सुमिरन से बल मिलता है मन कोदादी सुलझाती अप
महरे अंगाने में दादी जी
महरे अंगाने में दादी जी ते आओ ते सहीबात उदीका तहरी दर्श दिखो तो सही,महरे अंगाने में...........तहरी ममता की पूंजी की मने
दादी मेरा काम करोगी
दादी मेरा काम करो गी क्या लोगी,सिर पर हाथ देरहो गी बोलो क्या लोगी,छोटी सी है नाव मेरी ओ दादी जी,इसको पार करो गी बोलो क्य
तने सोनी सोनी सजावा माँ
तने सोनी सोनी सजावा माँ,एहे लायक महने करदे माँ तने चुनरी रोज उडावा माँ,नित ताजे ताजे फुला को गजरा में थाने पहनावा,नित नई
माता का बुलावा आ गया
माता का बुलावा आ गया,चल चलिए चल चलिए ,मौसम भी सुहाना आ गया,चल चलिए चल चलिए ,सच्चा है दरबार करलो मेरा ऐतबार भगतो इस से ज्
मुझे इतना सा देदो वरदान
मुझे इतना सा देदो वरदान माँ,तेरी चोकाथ पे निकले मेरे प्राण माँ,अंत समय जब आये मेरा मैया तू मेरे पास हो,मेरे सिर पे हाथ ह