
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
तर्ज - आणि शुद्ध मन आस्था .... है मेरी यही प्रार्थना , करता रहूं आराधनाहै शंखेश्वर पारस नाथ , रखदो प्रभु मेरे सिर पर
तर्ज - ढोल बजने लगे......प्यारे पार्श्व प्रभु , जन्मे जग के विभुआया शुभ दिन आया है करू वंदन , वो वामा नंदन आया है ...
करते हैं दादा, तेरा हर पल शुक्रिया,खुशियां जो दी हैं, उसका भी शुक्रिया ।हम तेरा दिया खाएं, तेरा ही गुण गाएं,जीवन दिया जो
गुरुवर मुझको दो ये वरदान, रहे लब पे सदा तेरा नाम,तेरी सेवा हो कर्म मेरा, तेरे चरणों मे हो सारे धाम ।।रहे लब पे सदा तेरा
नाकोड़ा भैरूजी सबको प्यारे हैं,सबके सहारे है, पालनहारे हैं ।सदा जपो तो वारे न्यारे हैं,नाकोड़ा भैरूजी सबको प्यारे है ॥कल
सीमंधर स्वामी के पास जाना हैं,संयम लेके, केवल पाके, मोक्ष हमको जाना हैं,सीमंधर स्वामी के पास जाना हैं ॥चौरासी लाख जीवयोन
नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा,डम डम डमरू बजाना होगा ।हम भक्तों को दरश दिखाना होगा,नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा ॥तेरे
शंखेश्वर जी जाओ, प्रभु पारस के गुण गाओ,प्रकट प्रभावी पारस जी से मनवांछित फल पाओ ।शंखेश्वर जी जाओ, प्रभु पारस के गुण गाओ.
पारस हैं तु, मुझे पारस बना,अपने वैभव का वारीस बना ।समरत हैं तु, कर आशा पुरी,नश्वरता हर, मुझे शाश्वत बना ॥पारस हैं तु, मु
तेरे दरबार वो ही फरियाद आती हैं,जिसकी तु चाहे दादा, पुरी हो जाती है तेरे दर पे सर झुकाएं मैं भी तो आया हूं,जिसकी भी बिगड
हाथ में डमरू डम डम बाजे, खपर की धार हैं चमके,दीपक की ज्योति जगमग झलके, त्रिशुल दम दम दमके..भैरूजी, महिमा निराली दादा कृप
हाथ पकड़ता सबका और तु सबका साथी हैं,दो हाथ मेरे भी हैं, इनमे क्या खराबी हैं ।तुम हाथ पकड़ते हो या हाथ देखते हो,या किसमे
मन करता हैं अब नाकोड़ा बस जाऊ मैं, पारस भैरू की सेवा में रम जाऊ मैं ।नित उठ मेरे दादा के दर्शन पाऊ मैं,बस जाऊ मैं, रम जा
रूम झूम करता पधारो मारा भैरो जीथारा बालुडा जोवे है थारी बाट,पधारो मारा भैरो जीमेवानगर दादा आप बिराजो,थोरी महिमा अपरम पा
बजे कुण्डलपर में बधाई,के नगरी में वीर जन्मे, महावीर जीजागे भाग हैं त्रिशला माँ के,के त्रिभवन के नाथ जन्मे, महावीर जीहो..
नाकोड़ा वाले सुन लेना एक सवाल दीवाने का,अगर समझ में आ जाए, तो भक्तो को समझा देना ।हमने अपना नियम निभाया, नाकोड़ा पैदल आन
णमो अरिहंताणंणमो सिद्धाणंणमो आयरियाणंणमो उवज्झायाणंणमो लोए सव्व साहूणंमंत्र णमोकार हमें प्राणो से प्यारायह हो वो जहाज जि
तर्ज - ढोल बजने लगे......प्यारे पार्श्व प्रभु , जन्मे जग के विभुआया शुभ दिन आया है करू वंदन , वो वामा नंदन आया है ...
ना ओसवाल मुझे कहना, ना पोरवाल मुझे कहना,श्वेताम्बर दिगम्बर का कोई नाम ना मुझको देना,श्रावक ही मेरी पहचान है, मैं जैन हूं
मैं नाकोड़ाजी जाऊंगा,मैं भैरूजी को अपने दिल में बसाऊंगा,मैं ढोल-मंजीरा लेके, गीत गुण गाऊंगा,मैं झुमुंगा, मैं भक्ति की धू
ना हीरो के हार, ना सोने के दरबार,ना चांदी के श्रृंगार, दादा प्रेम के भुखे हैं ।मन में सच्चा प्यार, और सीधा सा व्यवहार,और
काम कोई भी कर नहीं पाया, घूम लिया संसार में,आखिर मेरा काम हुवा हैं नाकोड़ा दरबार मे,दादा, मेरे दादा, मेरे दादा, दादा,तेर
पलके ही पलके हम बिछाएंगे, जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएंगे,हम तो है गुरुवर के जन्मो से दीवाने,मीठे मीठे भजन सुनाएंगे, जिस दि
हर जनम में भैरव तेरा साथ चाहिए,सर पे मेरे दादा तेरा हाथ चाहिए ।सिलसिला ये टूटना नहीं चाहिए,मुझको तो बस इतनी सी सौगात चाह
हम जैन कुल में जन्मे, अभिमान करो रे,अभिमान करो रे, गुणगान करो रे,हम जैन कुल में जन्मे, अभिमान करो रे..कहते हैं प्रणाम सा
छाई काली घटाएं तो क्या, उसकी छत्री के नीचे हु में,आगे आगे ये चलता मेरे, भैरु बाबा के पीछे हु में।उसने पकड़ा मेरा हाथ है,
तुम्हें सिर्फ याद करने से तुफान भी हट जाते हैं,जुबान पे नाम जो आए तो समंदर भी सिमट जाते है ।।अम्बा के नंदन, हे दुख भंजन,
मांगते ही रहते तुझसे, सांझ सवेरे,हाथ ये फैले रहते, सामने तेरे,तुने खुब दिया भगवान, तेरा बहोत बड़ा एहसान,तेरा बहोत बड़ा ए
हम आए शरण तिहारी, ओ भैरव समकितधारी,के कर जोड़े विनती करे हम, के कर जोड़े विनती करे हम,ओ भैरवनाथ मेरे, ओ भैरवनाथ मेरे, सु
अपने जैन धरम की सबसे अनमोल ये घड़ी,जन्म कल्याणक हैं आया, छाई खुशियां बड़ी..त्रिशलानंदन राजदुलारा झुले फूलों की लड़ी,आओ म