Hanuman Chalisa
Tune into Devotional Melodies
Contemporary Devotional Music: A Harmony of Praise and Devotion
कर हरि सुमिरन हरि मिल जाएंगे
तर्ज – लेके पहला पहला प्यारयहाँ वहा मत डोल, प्राणी हरि हरि बोल,कर हरि सुमिरन, हरि मिल जाएंगे......सुख वाली उजियाली, सुबह
बृहस्पति देव की आरती
ॐ जय बृहस्पति देवा,स्वामी जय बृहस्पति देवा,छिन- छिन भोग लगाऊं,छिन- छिन भोग लगाऊं,कदली फल मेवा,ॐ जय बृहस्पति देवा॥तुम पूर
मेरे दिन बंधू भगवान रे गरुड़ पर चढ़कर आ जाना
मेरे दिन बंधू भगवान रे,गरुड़ पर चढ़कर आ जाना,मेरे दिन बंधू भगवान रे,गरुड़ पर चढ़कर आ जाना.......मेरी साँस चले ना पावा,ना
भजन करो भाई हरि का सुखदाई
भजन करो भाई हरि का सुखदाई,ओ ही पार करे उद्धार करे, जिसने भी लगन लगाई।भजन करो भाई.....भक्तो की प्रभु सुनते है सदा,भक्तो क
मुझे पार लगाने की हामी भर लो
मेरे गरीब नवाज़ मेरी बांह धर लो,मुझे पार लगाने की हामी भर लो....जिस राह से मेरे भगवन गुजरे, उस राह में फूल बिछाऊँ, चरण क
नर रे नारायण री देह बनाई
( नुगरा मनक तो मिलो मति,पापी मिलो हजार,एक नुगरा रे सर पर,लख पापियो रो भार॥ )नर रे नारायण री देह बनाई,नुगरा कोई मत रेवना,
वो जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके
वह जुबां किस काम की जो नाम हरि का ले ना सके.....मां ने तुझको शीश दिया है दर पर झुकाने के लिए,वह शीश किस काम का जो हरि दर
मनवा खेती करो हरी नाम की
मनवा खेती करो हरी नाम की....पैसा ना लागे रुपया ना लागे,ना लागे कवडी दमड़ी, बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम श्याम, मनव
मुक्ति का कोई तु जतन कर ले
मुक्ति का कोई तु जतन कर ले,रोज थोड़ा थोड़ा हरि का भजन कर लें......भक्ति करेगा तो बड़ा सुख पायेगा,भक्ति से आत्मा का मैल छ
हरिजी मेरी लागी लगन मत तोड़ना
लागी लगन मत तोड़ना हरिजी मेरी लागी लगन मत तोड़ना प्रभुजी मेरी....गृहस्थी बसायी मैंने तेरे ही नाम की, मेरा भरोसा मत तोड़न
हरि का भजन करो करी है हमारा
हरि का भजन करो, हरि है हमारा,हरि के भजन बिन, ना हीं गुजाराहरि का भजन करो.........हरि नाम से तेरा काम बनेगा,हरि नाम ही ते
हरि नाम धन बांटिए
हरि नाम धन बांटिए,हरि नाम धन सिंचिये,हरि नाम धन चाखिये,हरि नाम धन लीजिए....सबसे ऊंचा नाम हरि का,इससे ऊंचा और नहीं,माया क
कोई भक्तों ने पहचान दे मेरे भगवन बहुत पुराने
कोई भक्तों ने पहचान दे मेरे भगवन बहुत पुराने,मेरे भगवन बहुत पुराने, मेरे गुरुवर बहुत पुराने,कोई भक्तों ने पहचान दे.....स
हरि भक्तों ने रास रचाया
हरि भक्तों ने रास रचाया बूटी गोल गोल गोल,बूटी गोल गोल गोल, अमृत गोल गोल गोल,हरि भक्तों ने रास रचाया.....बूटी पी गए हनुमा
हरि वादा से डरियो रे मनवा
।दोहा।( जिसे दुनियां ठुकरा देती है, उसे द्वार तुम्हारा मिलता है,जिसे दुनियां नफरत करती है, उसे प्यार तुम्हारा मिलता है,ज
भजन जो भाव से गाएगा
भजन जो भाव से गाएगा,तेरा दुख दूर हो जाएगा,देखेगा जो नयनों से मन के,श्री नारायण को सम्मुख पाएगा.....मन में तेरे भक्ति भाव
हे नारायण मुझे बता दो निर्धन क्या इंसान नहीं
धनवानो का मान जगत में निर्धन का सम्मान नहीं,हे नारायण मुझे बता दो निर्धन क्या इंसान नहीं.....एक को देते सुख का साधन दूजे
हरी भजन में दिल को लगाना
राम नाम की लूट है लूटत बने तो लूट,अंत समय जब आएगा तो कुछ ना हमसे पूछ!!हरि भजन में दिल को लगाना,जिंदगी का नहीं है ठिकाना.
ले लो रे हरी का नाम
ले लो रे हरी का नाम,कर्मा का साथी कोई नही....एक माट्टी के दो दिवे थे,दोनोवा के न्यारे न्यारे भाग,कर्मा का साथी कोई नही,ए
बली राजा को छलने आये
हरी बामन भेष बनाये बली राजा को छलने आये..... इनके नन्ने नन्ने हाथ इनके नन्ने नन्ने पांव, मृग छाला बगल में दबाये,बली राजा
ॐ नमो भगवते
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ====================ॐ नमो भगवते, वासुदेवाय, वासुदेवाय हरी, वासुदेवाय llपुरषोत्तम* हरी, वासुदेवाय l
करले चिंतन छोड़ दे चिंता सब उसके है हाथ
करले चिंतन छोड़ दे चिंता,सब उसके है हाथ,बैठा है वो चिंता हरन को,सदा ही तेरे साथ,करले चिंतन छोड़ दे चिंता......चिंता बनती
नमो नारायण नमो नारायण रटता जा
नमो नारायण नमो नारायण नमो नारायण रटता जा,ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ ॐ हरि ॐ हरि जपता जा......नारायण वैकुंठ पति है, गल वैज
भजमन नारायण नारायण
चाहे तू जो आत्म ज्ञान,भजमन नारायण नारायण,कर अपने प्रभु का चिंतन,कहीं बीत ना जाये जीवन,चाहे तू जो आत्म ज्ञान,भजमन नारायण
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ====================ॐ नमो भगवते, वासुदेवाय, वासुदेवाय हरी, वासुदेवाय llपुरषोत्तम* हरी, वासुदेवाय l
पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा,निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा,पता नहीं किस रूप में आकार नारायण
हरी के भजन में ना जावे मेरी बुढ़िया
हरी के भजन में ना जावे मेरी बुढ़िया.... मैंने कहा कि मम्मी गीता पढ़ लेना, सिर में दर्द बतावे मेरी बुढ़िया,हरी के भजन में
हरी का भजन कर प्यारी
हरी का भजन कर प्यारी उमरिया बीती जाती है....कौन शुभ कर्म कराया मानुष तन पृथ्वी पर पाया,फिरे माया के चक्कर में मौत नहीं य
अखियां खोलो तो हरी
अखियां खोलो तो हरी देवउठनी ग्यारस आई,देवउठनी ग्यारस आई शुभ मंगल ग्यारस आई,अखियां खोलो तो हरी देवउठनी ग्यारस है.....हाथों
दुःख में भले सिमरन करूं
तू ही मेरे मन की थाह जानता है,मुक्ति की मेरी राह जानता है,दुःख में भले सिमरन करूं,ना कभी सुख में भुलाऊं,ऐसे मुझमें जज्बा