Hanuman Chalisa
Tune into Devotional Melodies
Contemporary Devotional Music: A Harmony of Praise and Devotion
केहड़े घर जावां एहो खड़ा मैं विचारदा
केहड़े घर जावां एहो खड़ा मैं विचारदा इक घर रब्ब दा ते दूजा घर यार दा पहले रब्ब वल जावां के मैं यार वल जावां यार वल जावां
ओ रे पिया तो से लागी लगन
मेरा दिल में धड़का जाए मेरी सांसे थम थम जाए मुझे प्यार नजर आया मेरा चाँद नजर आया ओ रे पिया तो से लागी लगन,मैं अलबेली मैं
सजी रहे राहे उनकी फूलो से सदा
सजी रहे राहे उनकी फूलो से सदा कभी कोई गम उन्हें पाए न सता,बुरा चाहे हो वो चाहे भला मेरे लिए मेरा पति है देवता सजी रहे रा
आया है करवा चोथ का दिन
आया है करवा चोथ का दिन झूमो नाचो गाओ सहेली आज साजन से होगा मिलन झूमो नाचो गाओ सहेली पूजा गोरा सती माँ की करलो मांग अपनी
चाँद जैसे चोथ को मेरा बालमा
चाँद जैसे चोथ को मेरा बालमा चाँद से भी है प्यारा मेरा साजना,मैंने उपवास रखा पिया के लिए जो जिया है मेरा उस जिया के लिए म
मैया दो ऐसा वरदान सुहागन रहूं सदा
मैया दो ऐसा वरदान सुहागन रहूं सदा,रहे अमर यही अरमान सुहागन रहू सदा,माथे की बिंदिया चाँद सी चमके दूर रहे सदा बादल गम के,भ
रब दुरो दुरो वेख रहा
रब दुरो दुरो वेख रहा किदा बन्दा मेनू वेच रहालंगर लाउंदा टल वजाउंदा मथे भी ओह खूब कसौंदामेरी बनाई दुनिया नु ओह वेह्वमा दे
मत कर तूँ अभिमान रे बंदे
मत कर तूँ, अभिमान रे बन्दे,झूठी तेरी, शान रे, मत कर तूँ अभिमान llतेरे जैसे, लाखोंआए, लाखों इस, माटी ने खाए llरहा न नाम,
ऐ मेरे स्वामी अंतरयामी
ऐ मेरे स्वामी अंतरयामी नित जपते तेरा नाम तेरे भरोसे छोड़ दी नैया तू जाने तेरा काम ऐ मेरे स्वामी अंतरयामीजीवन के गेहरे सा
पटना के घाट पर
पटना के घाट पर हमहु अरगिया देब हे छठी मइया,हम ना जाइब दूसर घाट देखब ऐ छठी मइया ,सूप लेले ठाड़ बाड़े डोम डोमिनिया , देखब
बिणजारी ए हँस हँस बोल
बिणजारी ए हँस हँस बोल,प्यारी प्यारी बोल,बाता थारी रह ज्यासी,बिणजारो मत जाण बातां रह ज्यासीकंठी माला काठ की रे माही रेशमी
क्या वह स्वभाव पहला
क्या वह स्वभाव पहला सरकार अब नहीं है,दीनों के वास्ते क्या दरबार अब नहीं हैया तो दयालु मेरी दृढ़ दीनता नहीं है,या दीन कि
भैरो नाथ अघोरी
मैं हु भेरो नाथ अघोरी मुझको मत न समज टपोरी न हलवा पूडी आते राज मंगाए दे मुझको मदिरा मॉस सुन ले भेरो नाथ अगोरी तेरी है गई
प्रगटेयो प्रभु वाल्मीकि भगवान
प्रगटेयो प्रभु वाल्मीकि भगवान श्रृष्टि रचैया रमन रचैयाँ करुना के सागर प्रभु दया वान प्रगटेयो प्रभु वाल्मीकि भगवान प्रभु
मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंदा
मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंदा गोरख धंदा गोरख धंदा राम मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंदा धरती और आकाश बीच में सूरज तारे
नीली छत के पिछे बैठा जाने कौन मदारी
नीली छत के पीछे बैठा जाने कौन मदारीजैसे जैसे नाच नचाए नाचे दुनियाँ सारीनीली छत के पीछे बैठा जाने कौन मदारी सिया राम जय ज
आओ घर को सजादे गुलशन सा
आओ घर को सजा दे गुलशन सामेरे बाबोसा आने वाले हैकलिया न बिछाना राहों में हम खुद को बिछाने वाले है,आओ घर को सजा दे गुलशन
करो माँ बाप की सेवा
करो माँ बाप की सेवा हैये सब से बड़ी पूजा नहीइनसे बड़ा जग में कोई देवता दूजा करो माँ बाप की सेवा हैपिता माता की आशीष है ह
जन्म दिन आया है आज वाल्मीकि भगवान का
जन्म दिन आया है आज वाल्मीकि भगवान का,भागा वाली पुनेया आई हर कोई एह गल जान दा,जन्म दिन आया है आज वाल्मीकि भगवान का,सारे प
वेद शास्त्र ढुंढ लिए
वेद शास्त्र ढुंढ लिए एक ओम बराबर ना कौन्याश्रवण जैसा पुत जगत में कोशल्या सी मां कौन्याकोन्या ताल सरोवर जैसा,गंगा जैसा नी
जाग पियारी अब का सोवै
जाग पियारी अब का सोवै रैन गई दिन काहे को खोवै जिन जागा तिन मानिक पाया तैं बौरी सब सोय गँवाया पिय तेरे चतुर तू मूरख नारी
बेटी चली है ससुराल
बेटी चली है ससुराल , ओ ओअपने बाबुल की होती सदा लाडलीतीन कुलों की लाज है बेटी अब हाथ तुम्हारेहै ये दुआ मेरी जीवन में हों
तू ही मेरी दुनिया
तर्ज - सुरमई अँखियों मेंतूही मेरी दुनिया , तेरा मेरा , एक अनुठा रिश्ता रेलाडले तूही मेरी जान ,तूही तो कुल की शान है रहे
आ गया दादा देव का जन्मदिन
आया आया दादा देव का जन्मदिन आयादादा देव जन्मदिन आया ……...आया आया दादा देव का जन्मदिन आयादेखो कैसी शुभधड़ी सब मिल देवे आज
तू रोम रोम में मेरे
तू रोम रोम में मेरे , सांसो में समायाओ बाबोसा में तेरे , ख्वाबो में खोया रे में तेरी प्रीत में पागल , दिल मे तुझे बसाया
सुनलो पुकार बाबोसा सरकार
स्वार्थ की दुनिया को छोड़के.आया बाबोसा तेरे द्वार...स्वार्थ की दुनिया को छोड़के ,आया में तेरे द्वार सुनलो ये मेरी पुकारम
जहाँ बनते सारे काम वो चुरू धाम
तर्ज - जब कोई बात बिगड़ जाये... जहाँ बाबोसा का बसेरावहाँ सुखों का होता सवेराइनकी शरण मे आते हीमिट जाता गम का अंधेरा
जो विधि कर्म में लिखे विधाता
जो विधि कर्म में लिखे विधाता, मिटाने वाला कोई नहीं,\"वक्त पड़े पर गज़ भर कपड़ा, देने वाला कोई नहीं\" llवक्त पड़ा राजा हर
एक दिन चंदा नील गगन में
एक दिन चंदा नील गगन मेंसोच के डूबे अपने मन मे जरा सी बात पेसब सोए मैं क्यों जागूं रात में ,अरे चांदनी जैसी रंगत मेरी अंग
तू कितनी अच्छी है तू
ओ माँ ओ माँ ओ माँ प्यारी मा...........तू कितनी अच्छी है तू कितनी भोली है ओ प्यारी प्यारी है ओ माँ ओ माँ ओ माँ प्यारी मा.