Hanuman Chalisa
Tune into Devotional Melodies
Contemporary Devotional Music: A Harmony of Praise and Devotion
पांच अंक जग में महान
आओ भगतो तुम को सुनाये पांच के अंक की लीला बताये मान जाएगा सारा जहान पांच अंक जग में महान पांच फल परशाद में पंच मेवा साथ
कर दो दूर प्रभु मेरे मन में अंधेरा है
कर दो दूर प्रभु, मेरे मन में अँधेरा है,जब से तेरी लगन लगी, हुआ मन में सवेरा है,कर दो दूर प्रभु, मेरे मन में अंधेरा है, ह
गाड़ी मारी सीधी रूणिचा जाई
गाड़ी मारी सीधी रूणिचा जाई ज्यामे बैठ चलो मेरे भाईना में लेउ भाड़ो किरायों ना मजदूरी मेरा भाईइण गाड़ी में वो नर जावे जिण
सूता रे वे तो जागो नींद सूं
सूता रे वे तो जागो नींद सूंबाबो थोरे घरे आया ओकलियुग रो अवतारी बाबो असली रूप बणाया ओ सूता रे वो तो जागो नींद सूरूणीचा मे
कृपा की ना होती जो
कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी,तो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारी,ओ दोनों के दिल में जगह तुम न पातेतो किस दिल में होती हिफाज
साथी रे भूल न जाना मेरा प्यार
साथी रे भूल ना जाना मेरा प्यार मेरी वफ़ा का ऐ मेरे हमदमकर लेना ऐतबारसाथी रे भूल ना जाना मेरा प्यार दूर कभी कर दे जो मजब
हे प्रभु मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊं
हे प्रभु मुझे बता दो चरणों में कैसे आऊँ हे प्रभु मुझे बता दो,चरणों में कैसे आऊँ,माया के बंधनो से,छुटकार कैसे पाऊँ,हें प्
वही मिजाज वही चाल है
एक हमें आवारा कहना कोई बड़ा इल्ज़ाम नहींदुनिया वाले दिल वालों को और बहुत कुछ कहते हैंवोही मिज़ाज वोही चाल है ज़माने कीहम
मत भूल अरे इंसान तू है दो दिन का मेहमान
तेरी नेकी बदी ना प्रभु से छुपी सब देख रहा है भगवानमत भूल अरे इंसान तू है दो दिन का मेहमान।है जिसने बनाया मिठाई वही फूल
मेरा कसूर क्या है के मैं हु बेटी
हारी हु दर्द की मारी हु किस को सुनाऊ मैं अपनी कहानीदुनिया न समजा न अपनों ने जाना न लगती है बड़ी जिंदगानीडर लगता है जख्म
अब खत भी नहीं आते सदा भी नहीं आती
अब खत भी नही आते,सदा भी नही आती,,,,,,,,क्या य़ाद मेरी उनको,ज़रा भी नही आती बिमार मुहाबत को,गजा भी नही आतीकुछ काम बकीरों
बाबोसा चूरूवाले भक्तो के रखवाले
बाबोसा ,चुरू वाले , भक्तो के , रखवालेजो द्वार आया , उसी ने तेरा प्यार पाया सच्चे दिल से , जयकारा , बाबोसा , ये तुम्हार
जिसने प्रेम से लिया है इनका नाम रे
जय श्री बाबोसा भगवानदेव ये कलयुग के महानजिसने प्रेम से लिया है इनका नाम रेउनके बन जाये हर काम रे जय श्री बाबोसा .....बज
हर देश में तू हर भेष में तू तेरे नाम अनेक तू एक ही है
हर देश में तू, हर भेष में तू,तेरे नाम अनेक तू एक ही है,तेरी रंग भूमि यह विश्व धरा,सब खेल में, तू हर मेल तू,हर देश में तू
कोए की अपने जीवन से खुश ना होने की कहानी
एक कोया था वह अपने जीवन से खुश नहीं थाएक दिन एक साधु जा रहे थे कोए को देखा और पूछा क्या बात तुम उदास क्यों है वो कहता मे
मुझे मेरे मस्ती कहा लेके आयी
मुझे मेरे मस्ती कहा लेके आयीसिवा मेरे अपने और कछु नाहीअलख के अमल पर चढ़े योगियों को जणायॆ तरण और जग बादशाहीमुझे मेरे मस्
तेरे द्वार खड़ा भगवान
तेरे द्वार खड़ा भगवान, भक्त भर दे रे झोलीतेरा होगा बड़ा एहसान, के युग युग तेरी रहेगी शानझूम उठी है धरती सारी , डोला गगन
भगवान् बदल के क्या होगा
मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे को नदान बदल के क्या होगा अगर श्रधा नही विस्वाश नही भगवान् बदल के क्या होगा जब कण कण में वो व्याप
लगन लगी की करिये हून लगन लगी
लगन लगी की करिये हून लगन लगी ना जी सकिये न मारिये अब लगन लगी,लगन लगी की करिये हून लगन लगीतुम सुनो हमारे बेना मोहे रात दि
जय अग्रसेन महाराज तेरी महिमा भारी
जय अग्रसेन महाराज तेरी महिमा भारी बजता डंका जग में पूजे दुनिया सारीजय अग्रसेन महाराज................महाभारत के रण में कन
ओ बाबोसा म्हारी सुनलो पुकार
तर्जे - ओ गुरू सा थारो हो... बाबोसा .....बाबोसा ....तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो तुम्ही हो बंधु सखा तुम्ही होओ बाबोसा
जय बोलो विश्वकर्मा भगवान की
जय बोलो विश्वकर्मा भगवान कीआओ उत्सव मनाये देव महान की सारी दुनिया को जिस ने सजाया है मौका उनको सजाने का आया है,जय बोलो व
लीला तेरी अजब निराली है
अजब निराली,अजब निराली अजब निराली हैप्रभु लीला तेरी अजब निराली है,,तू अजर अमर अज निराकार परमेश्वर देह कभी न धरैबिन हाथ पै
कभी कभी खुद से बोलो
अपनी नज़र में तुम क्या हो? ये मन की तराजू पर तोलोकभी कभी खुद से बात करोकभी कभी खुद से बोलोहरदम तुम बैठे ना रहो -शौहरत की
छैल चतुर रंग रसिया रै भँवरा
छैल चतुर रंग रसिया रै भँवरा,छैल चतुर रंग रसिया रै भँवरा,पर घर प्रीत मत कीजै,पराई नार आ नैण कटारी,रूप देख मत रीझै,रे भाई
समझ मन माँयलारै
समझ मन माँयलारै, बीरा मेरा मैली चादर धोयबिन धोयाँ दुख ना मिटै रै, बीरा मेरा तिरणा किस बिध होयदेवी सुमराँ शारदा रै, बीरा
सभा है भरी भगवन
सभा है भरी भगवन,भीर पड़ी, आवो तो आवो हरी,किसविध देर करी,सभा है भरी भगवन , भीर पड़ी आवो तो आवो हरीपति मोये हारी ये ना बिच
चल हंसा उस देश समद जहा मोती
चल हंसा उस देश समद जहा मोती रेमोती समद जहा मोती समद जहा मोती रेचल हंसा उस देश निराला, बिन शशि भान रहे उजियाराजहा लागे ना
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेवत्वमेव विद्या द्रविड़म त्वमेव, त्वमेव सर्वम् मम् देव देव,माता तू ही
बाबा विश्वकर्मा जैसी रचना
बाबा विश्वकर्मा जैसी रचनाविश्व में कोई करता नहीं हैबाबा विश्वकर्मा जैसी रचनाविश्व में कोई करता नहीं हैचाहे देवालय हो य