सूरज की लाली तुझे तिलक लगाती है
बगिया की डाली-डाली पुष्प चढ़ाती हैपुरवाई आके तेरा भवन बुहारती
बरखा की जल धारा चरण पघारती
रिद्दी-सिद्धि तुझसे है, तुझसे ही ज्ञान है
एक दन्त दयावंत देवों में महान है
आदि है अनादी तुही सर्वेस्वराय
काज करें विघ्न हरे तू ही विध्नेस्वराय
धरती है तुझसे ही, गगन विशाल है
तुझसे ही जीवन है, ये तू ही महाकाल है
अंत का आरम्भ तुही वेद का तू सार है
आती-जाती ऋतुओं पे तेरा उपकार है
गणेशा गणेशा गणेशा गणेशा
गणेशा गणेशा गणेशा गणेशा
गणेशा गणेशा गणेशा गणेशा
गणेशा गणेशा गणेशा गणेशा
हे गोविन्दा, हे कृष्णा
गोविन्दा, हे कृष्णा
गोविन्दा, हे कृष्णा
गोविन्दा
शेष है अशेष तू ही
छांव है तू धुप है
राम है तू कृष्ण है तू
शिवजी का रूप है
डर के अंधेरों को
दिलों से निकाल दे
भष्म करे वैरियों को
जोश की मशाल दे
नैन मूंद तेरे आगे
शीश को झुकाते हैं
गजानना गुण तेरे
हम सब गाते हैं
वक्रतुण्ड बन जाएँ
तेरे ही पहचान हम
दुश्मनों के वास्ते हो
मौत का ऐलान हम
हे गोविन्दा, हे कृष्णा
गोविन्दा, हे कृष्णा
गोविन्दा, हे कृष्णा
गोविन्दा
श्री गणेशा, श्री गणेशा
श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
श्री गणेशा, श्री गणेशा
श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
गोविंदा गोपाला, गोविंदा गोपाला
गोविंदा गोपाला, गोविंदा गोपाला
गोविंदा गोपाला, गोविंदा गोपाला
गोविंदा गोपाला, गोविंदा गोपाला
इंद्र जिमी जम्भ पर
वड बसु अम्भ पर
रावण सा दम्भ पर
रघुकुल राज है
पवन बारी बांह पर
संपुरदी नाह पर
जो साहस बांह पर
राम ध्वज राज है
हे गोविन्दा, हे कृष्णा
गोविन्दा, हे कृष्णा
गोविन्दा, हे कृष्णा
गोविन्दा
दावा धुन दंड पर
चिता मृग झुण्ड पर
मुचन भी दुंड पर
जैसे मृग राज है
तेज तमा अंश पर
कानज नि कंस पर
जोमलेज वंश पर
शेर शिव राज है
जय भवानी, जय शिवाजी
जय भवानी, जय शिवाजी
दौलतों का शोहरतों का
हमको ना दान दे
हमको तो जंग में जीत का वरदान दे
डर के अंधेरों को
तू जोश का उजाला दे
भष्म करे वैरियों को
क्रोध को उज्वला दे
वक्रतुण्ड बन जाएँ
तेरे ही पहचान हम
दुश्मनों के वास्ते हो
मौत का ऐलान हम
गणेशा गणेशा गणेशा गणेशा
गणेशा गणेशा गणेशा गणेशा…
गणेशा गणेशा गणेशा गणेशा
गणेशा गणेशा गणेशा गणेशा…
धैर्य है धरा का तू ही
तू गगन विशाल है
है अजय अभय है तू ही
तू ही महाकाल है
शेष है अशेष तू ही
छांव है तू धुप है
राम है तू कृष्ण है तू
शिव का भी तू रूप है
श्री गणेशा, श्री गणेशा
श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा
साज चतु रंग सेन
अंग में उमंग धरी
सरजा शिवाजी जंग
जितने चलत है
भूषण घनत नाथ
बेहद नगा रन के
नदी नद केब मनके रनत है