Hanuman Chalisa
Tune into Devotional Melodies
Contemporary Devotional Music: A Harmony of Praise and Devotion
सूनी कलाई तेरी देख नहीं पाऊं हर साल राखी तुम्हें बाँधने मैं आऊं
सूनी कलाई तेरी देख नहीं पाऊं हर साल राखी तुम्हें बाँधने मैं आऊं आज मेरी बहना तुझे लाड मैं लडाऊ राखी वाला दिन मैं भी भूल
करले तू सुमिरन हरी नाम का
कर ले तू सुमिरन (तर्ज़:– कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे)कर ले तू सुमिरन हरी नाम काये मोती है एक एक तेरे काम का गय
तेरा नाम चल रहा है मेरा काम चल रहा है
ना तो मेरा कोई कमाल हैना दखल है इसमें गुरूर कामुझे रखते है वो निग़ाह मेंये कर्म है मेरे हुजूर कातेरा नाम चल रहा है मेरा
मनुष जनम अनमोल रे मिट्टी में ना रोल रे
मनुष जनम अनमोल रे मिट्टी में ना रोल रे,अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,कभी नहीं रे, कभी नहीं रे, कभी नहीं रे,तू सत्संग में आ
हाथों में पैसा खत्म ना हो ऐसी में किस्मत लाऊंगा
हाथों में पैसा खत्म ना हो ऐसी में किस्मत लाऊंगाऐसी मै किस्मत लाऊंगा रूणिचा नगरी जाउंगालेकर धोली ध्वजा मैं हाथ घर से मैं
एक दिन जाणो रे सावरीया
एक दिन जाणो रे सावरीया मारे कई लेवा आणो रे एक दिन जाणो रेकाया छोड़ संसार हाथ में कई नहीं आणो रे एक दिन जाणो रेजिवता मां
ਭਗਤਾਂ ਨੇ ਰੱਬ ਵੱਸ ਕੀਤਾ ਪ੍ਰੇਮ ਦੀਆਂ ਪਾ ਕੇ ਡੋਰਾਂ
ਭਗਤਾਂ ਨੇ ਰੱਬ ਵੱਸ ਕੀਤਾ==================ਭਗਤਾਂ ਨੇ, ਰੱਬ ਵੱਸ ਕੀਤਾ, ਪ੍ਰੇਮ ਦੀਆਂ, ਪਾ ਕੇ ਡੋਰਾਂਰਹਿੰਦੇ ਨੇ, ਮਸਤ ਦੀਵਾਨੇ, ਨਾਮ ਦੀਆਂ, ਚ
ਤੇਰੀਆਂ ਸਿਫਤਾਂ ਚ ਤੂੰ
ਤੇਰੀਆਂ ਸਿਫਤਾਂ \'ਚ ਤੂੰ===============ਤੇਰੀਆਂ, ਸਿਫਤਾਂ \'ਚ ਤੂੰ, ਦਾਤਿਆ ਤੇਰੀਆਂ, ਦਾਤਿਆ ਤੇਰੀਆਂ xll-llਜਲ ਵਿੱਚ ਤੂੰ ਹੈ, ਥਲ ਵਿੱਚ ਤੂੰ
तूँ मुड़ के नहीं औना बंदेया
ਤੂੰ ਮੁੜ੍ਹ ਕੇ ਨਹੀਂ ਆਉਣਾ ਬੰਦਿਆ =======================( ਮੈਂ ਮਿੱਟੀ, ਮੇਰੀ ਜਾਤ ਵੀ ਮਿੱਟੀ, ਤੇ ਮੇਰੇ ਗਲ਼, ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਬਾਣਾ lਮਾਂ ਮੇਰੀ
हम तेरे शहर में आए है मुसाफिर की तरह
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह,सिर्फ़ इक बार मुलाक़ात का मौका दे दे....मेरी मंजिल है कहाँ मेरा ठिकाना है कहाँ,सुब
माँ बाप की कमाई
माँ बाप ने अपनी कमाई बच्चो पे लुटाईअपना निवाला वो छोड़ भूख सबकी मिटाई..... दुनिया में आया है तो किसके पीछे आया है, माँ न
दुनिया बनाने वाले वाह रे तेरी माया
तर्ज – दुनिया बनाने वाले क्यादुनिया बनाने वाले,वाह रे तेरी माया,तेरा पार ना कोई पाया,तेरा पार ना कोई पाया....कोयल को काह
योगी जी के राज में
जय श्री राम का नारा बोलो,अब ऊँची आवाज़ में,भाग्य जाग गए देखो भैया,मोदी जी के राज में,भाग्य जाग गए देखो भैया,योगी जी के र
चिट्ठी देवों के नाम लिख दो
चिट्ठी देवों के नाम लिख दो,मेरा सब को प्रणाम लिख दो......पहला नाम गणपत का लिख दो,संग में रिद्धि सिद्धि लिख दो,नीचे शुभ औ
पुंगल रा पड़िहारा
पुंगल रा पड़िहारा बीरा, पुंगल रा पड़िहारा रे,महान भोत घणों दुख देवे बीरा पुंगल रा पड़िहारा रे.....जीवड़ो उमीजे बीरा महार
रामदेव ने कहिजे लवण बेगो आइजे
उड़ता कागलिया संदेशो महारो देइजे,राम देव न कहीजे लेवण बैगो आईजे।।ऊबी झरोका बीरा कागलियां उड़ाऊ,ऊबी झरोका बीरा कागलियां उ
आओ भोग लगाओ बाबोसा
तर्ज - थाली भरके लाई खीचड़ो ( छपन्न भोग लगवा थाने, घणी करा मनुहार,वेगा पधारो बाबोसा, भोला भगता रे द्वार॥ )आओ भोग लगाओ बा
पंछी की तरह घूमता ही रहा हूं मैं
पंछी की तरह घूमता ही रहा है तू,कभी धरती पर कभी अंबर में उड़ता ही रहा है तू,पंछी की तरह......जीवन का सफर कितना बेखबर,एक प
आया सावन का पावन मेला
छोड़ो छोड़ो यह घर का झमेला, आया सावन का पावन मेला.....इस मेले में गणपत जी आए,साथ अपने वह रिद्धि सिद्धि लाये,देखो कोई ना
काल भैरव अष्टकम्
देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम् |नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं काशिकापुराधिनाथकालभैर
श्री कुबेर चालीसा
|| दोहा ||जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर |ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ||विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत
मिलन आज तक था हमारा तुम्हारा
मिलन आज तक था हमारा तुम्हारा,रही ज़िन्दगी तो मिलेंगे दोबारा,रही ज़िन्दगी तो मिलेंगे दोबारा,मिलन आज तक था हमारा तुम्हारा.
भटकता डोले काहे प्राणि
भटकता डोले काहे प्राणी,भटकता डोले काहे प्राणी,चला आ प्रभु की तू शरण मे,संवर जाएगी ये जिंदगानी,भटकता डोले काहे प्राणी....
है जिंदगी कितनी खूबसूरत जिन्हें अभी ये पता नही हैं
है जिंदगी कितनी खूबसूरत,जिन्हें अभी ये पता नही हैं,कोई बहुत प्यार करने वाला,जिन्हें अभी मिला नही हैं......चले जो आंधी वो
भजन करो जी मेरी सासू जी
भजन करो जी राजी, राजी मेरी सासू जी....गीता पढ़ने की कहू तो आंख दुखत है,इत उत झांकने को बड़ी राजी मेरी सासू जी....सत्संग
आज के इस इंसान को ये क्या हो गया
आज के इस इंसान को,ये क्या हो गया,इसका पुराना प्यार,कहाँ पर खो गया.....कैसी यह मनहूस घड़ी है,भाइयो में जंग छिड़ी है,कहीं
टूट गयी है माला मोती बिखर चले
टूट गयी है माला,मोती बिखर चले,दो दिन रह कर साथ,जाने किधर चले.....मिलन की दुनिया छोड़ चले यह,आज बिरह मे सपने,मिलन की दुनि
माटी के पूतले तुझे कितना गुमान है
माटी के पुतले तुझे कितना गुमान है,तेरी औकात क्या, तेरी औकात क्या,तेरी क्या शान है,माटी के पुतले तुझे कितना गुमान है.....
ईश्वर को जान बंदे मालिक तेरा वही है
ईश्वर को जान बन्दे,मालिक तेरा वही है,करले तू याद दिल से,हर जाम वो सही है,ईष्वर को जान बन्दे,मालिक तेरा वही है......भूमि
मै तो हवा हूँ किस तरह पहरे लगाओगे
( मेरा फन मेरी आवाज,मेरे तेवर लेजा,सब का सब अपनी ही,जागीर समझकर लेजा,और मैने अपने हाथो की लकीरे,भी अब तुझे दे दी है,गर य