
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
मैंने मानुष जनम तुझको हीरा दिया,जो तू वृथा गवाए तो मैं क्या करूँ.....मूल वेदो का सब कुछ बता ही दिया,अब समझ में ना आये तो
अपने ही कर्मों का दोष पिताजी काहे को ब्याह दई विदेश....जब रे पिताजी मेरा जन्म हुआ था,मैया पड़ी बेहोश पिताजी काहे को ब्या
सावित्री बोली ठहरो जरा, छोटा सा एक सवाल मेरा,पति हमारे हैं सुनो यमराजा, प्राणो से प्यारे है सुनो यमराजा.....छोड़ दो पति
सरवन जल झाड़ी लेकर भरने चला नीर रे,चलते ही चलते पहुंचा सरयू के तीर रे......अंधे दोनों मात पिता को कावड़ में बैठार के,सब
सासु पूछे बहुल से तू क्या लाई पीहर से,सच ही सच बताऊं री सासुल ये लिए लाई मैं पीहर से.....मेरी चुनरी में पूजा हो रही गौरी
बजी शहनाई बरात घर आई, हमारे घर आनंद छाया है रे.....वो लाडो तेरे बाबा वो लाडो तेरे ताऊ, वो राम वर ढूंढे वो कृष्ण वर ढूंढे
तूने जो कमाया है ===============धुन- जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं ^तूने जो कमाया है, तूने जो कमाया है,,,हो,,,
तू ढोल बजा लाँगुरिया,जोगिनी लहर लहर लहरावैगी,तू ढोल बजा लाँगुरिया,जोगिनी लहर लहर लहरावैगी,जोगिनी लहर लहर लहरावैगी,तू ढोल
दोहा।( क्या इस आंगन के कोने में मेरा कोई स्थान नहीं,अब मेरे रोने का पापा तुमको बिलकुल ध्यान नहीं,बेटी चली पराए देश,बेटी
यहां कोई नहीं अपना दुनिया ही बेगानी है,दुनिया जिसे कहते हैं वह झूठी कहानी है, यहां कोई नहीं अपना......एक फूल सा बचपन था
किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं,जो पराया दर्द अपनाए उसे इंसान कहते हैं,किसी के काम जो आए....कभी धनवान है कितना, कभी
विषयों से मोड़ के मुखड़ा विषियो से,,हरि नाम की ओढ़ दुसाल, समय ना व्यर्थ गवा,अब चलना छोड़ कुचाल, समय ना व्यर्थ गवा।।बीती
चंदन केसी कंठी माला,प्रेम बिना नहीं भाता।प्रेम का रूप विधाता,प्रेम का रूप विधाता।।प्रेम बिना भक्ति कहां, भक्त में शक्ति
मन के बहकावे में ना आ मन राह भुलाये भ्रह्म में डाले, तू इस मन का दास ना बन,इस मन को अपना दास बनाले, तू इस मन.....जूठी का
प्रभु चरणों में आके जो मिलता है, सहारा हो तो ऐसा हो,कृपा से इनकी जो चलता है,गुजारा हो तो ऐसा हो.....गया ना लौट कर कोई इन
अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम,सबको सन्मति दे भगवान,सबको सन्मति दे भगवान,अल्लाह तेरो नाम.....माँगों का सिन्दूर ना छूटे,
ईश्वर एक ही है पूजा अलग-अलग होती है......ब्रह्मा को मना लो चाहे विष्णु को मना लो,चाहे भोले पर दूध चढ़ा लो,क्रिया एक ही ह
श्रीमङ्गलाय नमःमङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः ।स्थिरासनो महाकायः सर्वकर्मावरोधकः ॥ १ ॥लोहितो लोहिताङ्गश्च सामगानां
हो रहा शुभ आगमन, हर्षित हुआ है ये मन,श्री मंजू बाईसा आज पधारे, पावन हुआ ये घर आँगन,सु स्वागतम... सु स्वागतम.... सु स्वाग
तर्ज - मीठे रस से भरयोडीआई कीर्तन की या रात, थाने आणो पड़सी बाबोसा, आणो पड़सी,थारे भक्ता ने दर्श दिखाणो पड़सी बाबोसा, भ
तर्ज - एक नन्हा सा मेहमानइस धरती पर चाँद उतरने वाला है,जिसका था इंतजार वो आने वाला है,अपनी पलको को राहो में बिछाये रखना,
भैरू बिलमायो हाय कल्लाड़ी नथंली म डोलर हिंडो घाल कल्लाड़ी,भैरू बिलमायो रे...काहे म बुआ दू डोडा ऐ आहे कल्लाड़ी,काहे म बुआ
फूल लेने रानी तारा ने अपनों कुमर पठायो।विश्वामित्र मुनि ने बनके सर्प कुमर डस खायो,काशी की गलियन में जाए के दही आवाज लगाई
हे तु चटक चुन्दड़ी आली,तनै तो मेरा पिया मोह लिया हे,हे तु चटक चुन्दड़ी आली,तनै तो मेरा पिया मोह लिया हे,हे तु चटक चुन्दड
सतसंग में जाण ते हटाइये मत ना,सतसंग में जाण ते हटाइये मत ना,मेरा मान बहू तू घटाइये मत ना,मेरा मान बहू तू घटाइये मत ना...
लाख चौरासी जीया जून में नाचै दुनियां सारी,नाचण मैं के दोष बता या अक्कल की हुशियारी.....सबतैं पहलम विष्णु नाच्या पृथ्वी ऊ
कलयुग बोल्या परीक्षित ताहीं, मेरा ओसरा आया,अपने रहण की खातिर मन्नै इसा गजट बणाया॥सोने कै काई ला दूंगा, आंच साच पै कर दूं
हर कदम पर मौत मंडराये, भजन करलो जरा,जाने कब किसकी बारी आये, भजन करलो जरा,हर कदम पर मौत....जो भी जैसा भी करम करता यहां पर
भेरू जी थारा द्वार पे आयो हु दुकड़ा टार दे,कंका ली रा लाल भेरू जी ऊबो थारे बारणे,भेरू जी थारा द्वार पे....जेठ मास थारो ज
ए हे बाबा आयो रे भादरवो मास, रुनिचे मारो मन लागो, मरे उठी रे हिवड़े रे हिलोर... रुनिचे मारो मन लागो, अजमल जी रा कवर कहाव