
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
तर्ज - ॐ जय जगदीश हरे ॐ जय श्री बाबोसा बोलो जय श्री बाबोसा,चूरू धाम में विराजत, रूप हनुमत सा,ॐ जय श्री बाबोसा....
तर्ज - पधारो गाँव हमारे गुरुवर झूमे धरती अम्बर कहती है ये पवन,आज घर आयेंगे बाबोसा भगवन,आओ मिलके सजाये घर आँगन,शुभ दिन आय
( श्री बाबोसा भगवान का, जो नित उठ ध्यान लगाया,दुख संकट टल जाये उसके, बाबोसा करे सहाय,कलयुग के अवतारी है, भक्तो के पालनह
सब कमी बाटे सईया जान तानी तहरे में,बूरबक बनावेल ना आवे ल दशहरे में,हमके फसाव तार बात के ककहरे में,बूरबक बनावेल ना आवे ल
तर्ज - हंसता हुआ नूरानी चेहरा...रूप है जिनका हनुमत जैसा,देव न कलयुग में कोई ऐसा,जिनके रूप में बैठी बाईसा, बाबोसा... बाबो
बीत गई जिंदगानी भजन बिना,हरि के भजन बिना राम भजन बिना,बीत गई जिंदगानी भजन बिना....बाल अवस्था खेल में गवायो,भोग विलास जवा
तर्ज - अर र मेरी जान है राधा अ र र, तेरे खेल निराले,बाबोसा चुरू वाले,कलयुग में बाबा मशहूर तू,सच्चा है तू सच्चा तेरा दरबा
उड़ जा रे हंसा स्वर्गलोक दुनिया में अपना कोई नहीं,दुनिया में अपना कोई नहीं इस जग में अपना कोई नहीं.....दशरथ के बेटे चार
मन हरि ओम हरि ओम गा ले,नाम जपने की आदत बना ले...पुण्य तेरा बढे जब तू सत्संग करें,पाप तेरा कटे जब तू सेवा करें,इस रीत से
यह नर तन जो तुझको मिला है,जो गवाने के काबिल नहीं है,तेरी हर सांस अनमोल हीरा,जो लुटाने के काबिल नहीं है,तेरी हर सांस.....
तर्ज - कव्वाली ग्यारह मंगलवार जो भी व्रत करेगा,श्री बाबोसा उसके हर संकट हरेगा,मंजू बाईसा के संग ध्यान जो धरेगा,दामन उसका
ये सब मन का खेल बाँवरे, ये सब मन का खेल.....मन में प्रेम की लहर उठे तो उड़े हवा में चाँद को छू ले,मन में क्रोध की अगन उठ
आओ हम यहोवाह के लिए,ऊँचे स्वर से गए,अपने उद्धर की चट्टान का,जय जयकार करें....आओ याहोवाह के लिए,ऊँचे स्वर से गए,धन्यवाद क
कमल फूल अवतार लियो है भारी,गढ़ गोठा केरो नाम सुणो नर नारी।थारा बीच मंदरिया में नीर भरो है भारी नारायण,थारा चरण धुलावा सु
ऐसो बुढ़ापा आयो रे दगा दे गई जवानी,दे गई जवानी धोखा दे गई जवानी,ऐसा बुढ़ापा आया रे दगा दे गई जवानी....पहला बुढ़ापा मेरे
नौमी ने मैंने नेम किया था, तो दसवीं में एक टाइम खाया हो राम,ग्यारस तो मैंने करिए निर्जला तो,द्वादशी ने भोजन बनाया हो राम
जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं।ता दिन तेरे तनु तरवर के सबै पात झरि जैहैं,जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं...या देही को गरब न करिये स्य
तर्ज - पारम्परिकवीरों में वीर है, महाबल शाली है, जिसकी भुजाएं विशाल है,छाती हिमालय सी, सूर्य सम तेज है माँ छगनी का लाल
तर्ज - अम्बे तू है जगदम्बे काली गोगाजी देव खिंवादी वाले, भक्तो के है रखवाले,हम सब उतारे तेरी आरती,गोगाजी अँखियाँ ये तुमक
मोरी चुनरी में लग गयो दाग पिया.....पाँच तत्त्व की बनी चुनरिया, सोरह सै बँद लागे जिया,मोरी चुनरी में लग गयो दाग पिया.....
तर्ज - पारम्परिक सारे जग में ये ऐलान होना चहिये,हर गली हर मोड़ पे एक मंदिर होना चाहिए.....मंदिर बनेगा बाबोसा का, धन्य वो
ओम की बोलो जय जयकार बधाई होवे....पहली बधाई शिव शंकर की बोलो,जन्में हैं गणपति जैसे लाल बधाई होवे,ओम की बोलो जय जयकार बधाई
तर्ज - ये गालियां ये चौबारा ये बाबोसा का द्वारा,है स्वर्ग से भी प्यारा,जहाँ कृपा हरदम ही बरसती,ऐसा दरबार नही दुनिया में,
जो बोएगा वही पाएगा,तेरा किया आगे आएगा,सुख दुख है क्या फल कर्मो का,जैसी करनी वैसी भरनी,जैसी करनी वैसी भरनी....सबसे बड़ी प
जीनी जीनी उड़े रे गुलाल, बाबा थारा मेला में, भगता री भीड़ अपार रूणिचा रा मेला में .... गांव रूणिचा आप पध
लाडू चुरमा की माथे माले पड़ी,चाल रूणीचे बाबो थारी करसी भली,रामा राजकुमार सज्यो है बाबा रो दरबार.....माह भादवो लागे ज्यार
रतनों राइको बाबा पड़ियो कैद में बाबा ने आज गुजारी रे म्हारो राम रूखालो....हुक्म दियो जद तुरन्त सिधायो बाई सुगणा ने लेवण
रूणीचे चे रा रामाधणी भक्ता री लाज बचावे,दुखिया का बाबो रामदेव जी संकट आन मिटावे,रूणीचे रा रामाधणी....भागव शुक्ला मेलो भर
*अच्छी बात*21 वी सदी का दुनिया।।सहरों में इस्कूल को,रास्तों में धूल को,कांटो में फूल को,लोगो मे उसूल को,ढूंढते रह जाओगे।
तर्ज - कव्वाली....( जिसने बाबोसा को याद किया, सुनते है उनकी पुकार,भक्तो के दुख दूर करे, मेरे बाबोसा सरकार । ) करते