
Hanuman Chalisa
Devotional Songs
भाई बहन का प्यार है राखी, दो तारो का सार है राखी, बहन मनाये आज बंधन राखी का है......
तर्ज - पारम्परिक सबसे पहले मैं लूंगा, बाबोसा का नाम,नाम लेते ही बाबोसा का, बनते मेरे काम,तो बोलो ॐ बाबोसा......
तर्ज - बड़ी दूर से चलकर आया हूं एक हार गुलाब का लायी हूँ, बाबोसा तेरे दरबार में, तेरे दर्शन को मैं आई हूँ, संग ले सारा प
जल्दी से कर दे मैया कोथरी,मैया जाएंगे बहन के देश, पपैया बोले बाग में...मीठी तो कर दई बेटा कोथरी,मेरे बेटा बहना को लाना अ
तर्ज - ये मोह मोह के धागे ये प्रीत तुमसे लागी,प्रीत तुमसे लागी,हम.....हम.....,ये प्रीत तुमसे है लागी, ओ मेरे बाबोसा भगव
क्या सोच करें पागल मनवा, जो बीत गया सो बीत गया,इस झूठे खेल में, मूल्य ही क्या, कोई हार गया कोई जीत गया,क्या सोच करे पागल
रतना रे जा ल्या सुगना ने,कदे न आई वा त्योहारा ने....गांव न जाणु नाम न जाणु,सुरत न जाणु सिरदारा री,गांव पुंगलगढ नाम रतन स
तर्ज - मनिहारी का भेष बनायादेखो दरबार सजा है निराला,आयेगा बाबोसा चुरू वाला,माता छगनी का प्यारा लाला,आयेगा बाबोसा चुरू वा
तर्ज - ओ मैया मेरी विनती सुनो ओ बाबोसा महर करो, मेरे सिर पर हाथ धरो,दुख संकट सारे हरो, थोड़ी कृपा की नजर करो,अरज मेरी स्
तर्ज - पारम्परिक श्री बाबोसा तेरा दरबार मेरे मन को लुभाता है,तेरी छवि देखके मुझको, चैन आता है,श्री बाबोसा तेरा दरबार....
भगवन मेरे भगवन,इस मुसीबत से बचाओ भगवन,फिर किसी रूप में आओ भगवन,भगवन मेरे भगवन.....कितना ढायेगी सितम ये कुदरत,रोक अब इस प
मोर अंगना मा गड़ायेंव जैतखाम,ओ बाबा तोर नाव के निशानी अमर रहय ना,मोर अंगना मा गड़ायेंव जैतखाम,ओ बाबा तोर नाव के निशानी अ
नेकी के कर्म किए जा रे दुनिया से जाने वाले,दुनिया से जाने वाले दुनिया से जाने वाले,नेकी के कर्म किए जा रे दुनिया से जाने
तर्ज - तेरी मिट्टी में मिल जावां ( मुझे खुशियो का संसार मिला, मेरी जिंदगी में जब से तू आया है,उजड़े हुये चमन में तू ही
बाज्या बाज्या ढोल नगाङा कुंवर तेजा रे,नौपत तो बाजी थारै नाम की,लाग्यो लाग्यो जेठ अषाढ कुंवर तेजा रे,लगतोङो आयो सावन भादव
बुढ़ापा बैरी कोई ना पूछे बात,कोई ना पूछे बात बुढ़ापा बैरी कोई ना पूछे बात,बुढ़ापा बैरी कोई ना पूछे बात....आया बुढ़ापा कह
सोते-सोते सोने सा जीवन व्यर्थ गुजारा है,अब तो पगले नींद छोड़ दे बजा काल नकारा है.....बचपन खेलकूद में खोया गई जवानी भोगों
तर्ज - ओ कान्हा अब तो मुरली की मधुरओ बाईसा अब तो हमको बाबोसा के दर्श करा दो ना,दर्श के प्यासे नैन बावरे, प्यास बुझा दो न
तेरा झुठा मोह जगत में तोते से बोली मैनागैरों से मतलब क्या है अपनों से बच कर रहना....श्रीराम हुए बनवासी अपनों से धोखा खाय
दगरो छोड़ दे रे लांगुरिया....जो घर होते ससुर हमारे,तोहै पिटवाती रे लांगुरिया,हाथ हथगड़ी पैरों में बेड़ी,सजा कराती रे लां
रे मन फूला फूला फिरे जगत में ये कैसा नाता रे....माता कहे यह पुत्र हमारा, बहन कहे यह वीर मेरा,भाई कहे यह भुजा हमारी, नारी
आयु तेरी बीत रही है कुछ तो सोच विचार,जन्म ये मिले ना बारम्बार....माया का ये पिंजरा मानव निश दिन होता जाये पुराना,जीवन पं
विठ्ठल आवडी प्रेमभाव,विठ्ठल नामाचा रे टाहो,तुटला हा संदेहो, भवमूल व्याधिचा....म्हणा नरहरि उच्चार, कृष्ण हरि श्रीधर,हेंचि
तर्ज - अकेले है चले आओचुरू वाले चले आओ कहाँ हो,सुनलो आवाज ओ बाबा जहाँ हो, चुरू वाले चले.....तुम्हे सब कुछ पता है, मेरी क
बेटी है एक रतन अमोल कोख में मत मरबईयो रे,मत मरबईयो रे कोख में मत मरबईयो रे,बेटी है एक रतन अमोल कोख में मत मरबईयो रे....ज
कल्लाजी महाराज मेरे कल्लाजी,चित्तौड़ी सिरताज मेरे कल्लाजी,कल्लाजी महाराज मेरे कल्लाजी,मेवाड़ी सिरमोड़ मेरे कल्लाजी....जब
मां बाप की इस कलयुग में किस तरह कटी जिंदगानी,वो बेटा क्या बेटा है जिसने मां की कदर ना जानी.....नौ मास गर्भ में बंदे मां
तर्ज - पारम्परिकउस घर के हर दरवाजे पर, खुशियाँ पहरा देती है,जिस घर मे बाबोसा की, दिव्य ज्योती जलती है.... उस घर क
तर्ज - देखने को मुझको मेरे हर गलती पे बाबोसा पर्दा तू डालके,माफ कर रहा है हर खता,जानती हूँ तुमसे बाबा कुछ भी न छिपा है,स
गणपति गणेश नूं उमापति महेश नूं, मेरा प्रणाम है जी मेरा प्रणाम है....-2गणपति गणेश नूं ब्रह्मा विष्णु महेश नूं, मेरा प्रणा